Move to Jagran APP

संकट में सुखबीर, बेअदबी से निकालने के लिए आगे आए बादल

बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहबला कलां के गोली कांड मामले में जस्टिस रणजीत ¨सह कमीशन की रिपोर्ट के माध्यम से राज्य की कांग्रेस सरकार ने शिरोमणि अकाली दल के लिए ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि इससे उबरने के लिए शिअद अध्यक्ष सुखबीर ¨सह बादल को तमाम डॉक्टरों की पूर्ण आराम करने की सलाह के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश ¨सह बादल को आगे लगाना पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 08:46 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 08:46 PM (IST)
संकट में सुखबीर, बेअदबी से निकालने के लिए आगे आए बादल
संकट में सुखबीर, बेअदबी से निकालने के लिए आगे आए बादल

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : बरगाड़ी में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहबला कलां के गोली कांड मामले में जस्टिस रणजीत ¨सह कमीशन की रिपोर्ट के माध्यम से राज्य की कांग्रेस सरकार ने शिरोमणि अकाली दल के लिए ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि इससे उबरने के लिए शिअद अध्यक्ष सुखबीर ¨सह बादल को तमाम डॉक्टरों की पूर्ण आराम करने की सलाह के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश ¨सह बादल को आगे लगाना पड़ा है। वायरल बुखार से कुछ राहत मिलने, लेकिन ज्यादा उम्र हो जाने चलते पूरी तरह से फिट न होने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री की पिछले रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के हलके अबोहर में आयोजित शिअद की पोल खोल रैली में उपस्थिति और उसके बाद बीते शुक्रवार को राज्य सरकार के फरीदकोट में रैली को रद करने के चलते ब¨ठडा के प्रेस क्लब में उनकी कॉन्फ्रेंस इसकी प्रत्यक्ष मिसाल हैं। शिअद अध्यक्ष सुखबीर बादल को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी पूर्व मुख्यमंत्री बादल को साथ लेकर पहुंचना पड़ा और रैली रद्द करने को लेकर प्रमुख रूप में उनसे ही वार्ता करवानी पड़ी। बताया जा रहा है कि रविवार को फरीदकोट में हो रही पोल खोल रैली में भी पूर्व मुख्यमंत्री बादल मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हो रहे हैं। हुण मैं चुप्प करके घरे नहीं बैह सकदा: बादल

prime article banner

माना जा रहा है उम्रदराज होने के कारण अस्वस्था के बावजूद शिअद एवं सुखबीर बादल को इस संकटमई हालातों से निकालने के लिए इस मार्चे का नेतृत्व बादल ही करेंगे। इसका इशारा बादल बीते शुक्रवार को प्रेस क्लब में आयोजित कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट रूप से कर भी चुके हैं। उनका कहना था कि हुण मैं चुप्प करके घरे नहीं बैठ सकदा। पंजाब दे हलात अते गुरुघर खतरे च ने। ओहनां दी सेहत तां हुण सेकेंडरी आ। वह लड़ाई लड़ेंगे और राज्य हालत एवं गुरु घरों पर कब्जे नहीं होने देंगे। सुखबीर बादल की कार्यकुशता पर होने लगे सवाल

लेकिन सुखबीर बादल की इस रणनीति पर शिअद के अंदर ही उनकी कार्यकुशला पर सवाल होने लगे हैं। पार्टी के पुराने कार्यकर्ता जहां यह सवाल कर रहे हैं, वहीं खुद जवाब भी दे रहे हैं। उनका मानना है कि सुखबीर बादल चाहे कितनी भी आक्रामक क्यों न हों, लेकिन इस स्थिति से टकसाली नेता ही उबार सकते हैं। लेकिन टकसाली नेता चूंकि पिछले लंबे समय से पार्टी ने एक तरह से किनारे किए हैं और अब उनका इतना प्रभावशाली कद भी नहीं रहा है। इसलिए वे इसमें सफल नहीं हो सकते। पुराने पार्टी वर्करों का स्पष्ट कहना है कि बादल साहब तो बिना ऐहनां मुश्किल हालातां चों पार्टी नूं कोई नहीं कड्ड सकदा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.