एम्स के माहिर डॉक्टरों से ई-संजीवनी के माध्यम से घर बैठे ले सकते हैं सलाह
केंद्र सरकार की योजना ई-संजीवनी को अब बठिडा एम्स में भी शुरू कर दिया गया है।
जागरण संवाददाता, बठिडा
केंद्र सरकार की योजना ई-संजीवनी को अब बठिडा एम्स में भी शुरू कर दिया गया है। इसके साथ एम्स जिले का पहला अस्पताल बन गया है, जहां पर इस सुविधा को शुरू किया गया है। इसका लाभ अकेले बठिडा ही नहीं, बल्कि आसपास के जिलों के अलावा राज्यों के लोग भी ले सकते हैं। हालांकि ई-संजीवनी के माध्यम से चेकअप करवाने के लिए इंटरनेट ब्राउजर या मोबाइल एप से लॉगिन करना होगा। जबकि इसके लिए कोई फीस भी नहीं ली जाएगी। इसको लेकर एम्स के सभी 13 विभागों के डॉक्टरों को लॉगिन बना दिए गए हैं। स्नसके लिए पांच स्टेप्स को पूरा करना होगा।
बठिडा एम्स में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए ई-संजीवनी ओपीडी सेवा का संचालन शुरू किया दिया गया है। इससे सामान्य बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक जाने की बजाए घर बैठे ही डॉक्टरी सलाह मिल जाएगी। इसको लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुरु की गई ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के तहत ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर घर बैठे ही रोगी चिकित्सा परामर्श ले पाएंगे। जबकि एम्स में जिस तरह टेलीमेडिसिन की सुविधा थी, उसी तर्ज पर यह सुविधा शुरू हुई हैं। हालांकि टेलीमेडिसिन में मरीजों को अस्पताल जाना पड़ता है। लेकिन ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के लिए मरीज को अस्पताल आने की जरूरत नहीं हैं। वह अपने स्मार्टफोन, कंप्यूटर के जरिए ई-संजीवनी ओपीडी डॉट इन वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।
उनका कहना है कि इसके साथ डॉक्टर सुरक्षित व परिचालित तरीके से वीडियो परामर्श प्रदान कर सकेंगे। वहीं ई-संजीवनी का न केवल पंजाब बल्कि अन्य राज्यों के मरीज भी लाभ ले सकेंगे। यह सेवा मरीजों के लिए पूरी तरह से मुफ्त है व सोमवार 17 अगस्त से एम्स बठिडा के लिए उपलब्ध हो गई है। जिसके तहत सोमवार से शनिवार सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक डॉक्टरी सलाह ली जा सकती है। इसक साथ यह भी अपील की कि मरीज ऑनलाइन काउंसलिग सेवाओं का अधिक से अधिक इस्तेमाल करें व नियमित परामर्श के लिए तभी अस्पताल आएं, अगर इस सेवा से समस्या का समाधान ना हो सकता है। जबकि एम्स बठिडा पहले से ही टेलीफोन कॉल व वीडियो कॉल के माध्यम से ऑनलाइन परामर्श सेवाओं का उपयोग कर रहा था। जिसके चलते अब तक 13 विभिन्न विभागों के डॉक्टरों द्वारा लगभग 2000 रोगियों का परामर्श किया गया है। इन विभागों की ले सकेंगे सेवाएं
जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स, गायनोकोलॉजी, बाल रोग, त्वचा विज्ञान, मनोचिकित्सा, विकिरण ऑन्कोलॉजी, नेत्र रोग, दंत चिकित्सा, ईएनटी, यूरोलॉजी व सर्जरी शामिल हैं। दो तरह से ले सकते हैं सेवाएं
ई-संजीवनी के तहत चेकअप करवाने के लिए दो तरह से डॉक्टरों के साथ संपर्क किया जा रहा है। इसमें एक तो आनॅलाइन वेबसाइट द्धह्लह्लश्चह्य://द्गह्यड्डठ्ठद्भद्गद्ग1ड्डठ्ठद्बश्रश्चस्त्र.द्बठ्ठ को इंटरनेट ब्राउजर में ओपन करना होगा। वहीं दूसरी ऑप्शन ई-संजीवनी मोबाइल एैप है। मगर दोनों में डॉक्टरी जांच करवाने का प्रोसेस एक जैसा ही है। इसके तहत पहले पेशेंट रजिस्टर्ड की ऑप्शन सिलेक्ट करने के बाद मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। जिसका ओटीपी दिए गए मोबाइल नंबर पर आएगा, जिसको वेरिफाई करना होगा। इसके बाद मरीज की पूरी जानकारी भरने के बाद रजिस्ट्रेशन कर टोकन जेनरेट होगा। यह करने पर फिर से पेशेंट लॉगइन करना होगा, जिसमें मोबाइल नंबर व टोकन नंबर दर्ज करना होगा। यह सारी जानकारी भरने के बाद संबंधित डॉक्टर की अपाइंटमेंट बुक हो जाएगी और इलाज के लिए अपनी बारी का इंतजार करना होगा। हालांकि अस्पताल व संबंधित डॉक्टर को चेकअप करवाने की ऑप्शन टोकन नंबर जेनरेट करने से पहले सिलेक्ट होगी। वहीं चेकअप करवाने के लिए अगर ज्यादा समय लगता है तो नंबर आने पर मोबाइल पर अलर्ट का मैसेज भी आएगा। जिसके बाद फिर से लॉगइन कर डॉक्टर से सलाह ली जा सकती है।