स्वच्छता सर्वेक्षण प्रतियोगिता के मद्देनजर अब डस्टबिनों की होगी मरम्मत
स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 की प्रतियोगिता के मद्देनजर नगर निगम की ओर से करीब आठ माह पहले जनवरी में 24 लाख रुपये से शहर भर में डस्टबिन लगाए गए थे।
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 की प्रतियोगिता के मद्देनजर नगर निगम की ओर से करीब आठ माह पहले जनवरी में 24 लाख रुपये से शहर भर में डस्टबिन लगाए गए थे। अधिकतर डस्टबिन के कबाड़ बन जाने पर अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की प्रतियोगिता को लेकर इनकी मरम्मत कराए जाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। नगर निगम की अपनी रखरखाव की कमियों की वजह से कबाड़ हुए इन डस्टबिनों पर अब हजारों रुपये मरम्मत पर खर्च किए जाएंगे। इनकी मरम्मत पर होने वाले खर्च का निगम की ओर से एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। जिसका बजट पास कराने के लिए इस सप्ताह होने वाली नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि देश भर में स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। ब¨ठडा में भी इस प्रतियोगिता को लेकर पिछले कई दिनों से बैठकों का दौर चल रहा है।
स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत
लगाए थे डस्टबिन
नगर निगम की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत शहर में सार्वजनिक स्थानों पर बीते जनवरी महीने में 237 लगाए गए थे। ताकि इसके प्रतियोगिता में अंक हासिल किए जा सकें। आखिर निगम को इसका लाभ भी मिला। प्रतियोगिता में इसके अच्छे अंक मिले और ब¨ठडा को राज्य में प्रथम स्थान हासिल हुआ। इन डस्टबिनों पर करीब 24 लाख रुपये खर्च हुए थे। लेकिन सर्वेक्षण संपन्न होने के बाद निगम ने इनके रखरखाव एवं सफाई के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया। लोगों ने भी इनका सदुपयोग नहीं किया। आखिरकार यह डस्टबिन कबाड़ में तब्दील होने लगे। धीरे-धीरे कूडे के डंप ही बन गए। कई पूरे के पूरे डस्टबिन चोरों ने चोरी कर लिए। जबकि बड़ी गिनती में डस्टबिनों के अंदर से प्लास्टिक के डिब्बे (डस्टबिन) चोरी कर लिए गए। पहले जब यह डस्टबिन तोड़े या चोरी हुए थे तो नगर निगम की ओर से तुरंत पुलिस के पास शिकायतें भी दर्ज कराई गईं, लेकिन उसके बाद शिकायतें दी जानी भी बंद हो गई। सफाई को भी नहीं रखे 27 कर्मचारी
बीती 12 मार्च को हुई नगर निगम के जनरल हाउस की बैठक में इन डस्टबिनों की सफाई के लिए 25 कर्मचारी रखने का प्रस्ताव भी रखा गया था। लेकिन कर्मचारी रखने से पहले बैठक में इसकी गिनती की पड़ताल करने के लिए सब कमेटी के गठन की घोषणा कर दी गई। सब कमेटी ने पड़ताल तो क्या करनी थी, अभी तक एक बैठक भी नहीं की। सफाई कर्मी रखना तो दूर की बात रही। स्थिति यह है कि सफाई के अभाव में यह डस्टबिन बदबू का जरिया बन हुए हैं। जिनकी अब स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 की प्रतियोगिता के लिए मरम्मत की तैयारियां की जा रही हैं।