सफाई व्यवस्था में होगा सुधार, कचरा कलेक्शन करने वालों के फोन नंबर होंगे सार्वजनिक
वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस स्थिति को सुधारने के लिए नई कवायद शुरू कर दी है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : दीपावली के कई दिन पहले से बदहाल हुई शहर भर की सफाई व्यवस्था काफी दिन गुजर जाने के बावजूद अभी तक दुरुस्त नहीं हो पाई है। शहर के लोगों में इस बात को लेकर रोष तो बना ही है, नगर निगम के अधिकारी भी परेशान हैं। तमाम साधन होने के बावजूद सफाई व्यवस्था के पटरी पर न आने से चितित निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल ने डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाले मिनी टिप्पर एवं ट्रैक्टर चालकों के साथ पिछले दिनों लंबी बैठक कर उन्हें कड़ी चेतावनी देने के बाद अब अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस स्थिति को सुधारने के लिए नई कवायद शुरू कर दी है।
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छुट्टी के दिन नई योजना पर घंटों माथापच्ची
बीते शनिवार को छुट्टी होने के बावजूद निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर संदीप गुप्ता, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (ओएंडएम) किशोर बांसल व चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर सतीश कुमार की ओर से नए सिरे से कचरा कलेक्शन करने की योजना बनाने के लिए घंटों माथापच्ची की गई। इस दौरान शहर में विभिन्न स्थानों पर स्थित कचरे के सेकेंडरी प्वाइंट्स से कूड़ा उठाने में लगी हुई ट्रैक्टर-ट्रालियों का नए सिरे से रूट प्लान तैयार किया गया। घरों और व्यापारिक संस्थानों से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में लगे हुए मिनी टिप्परों का भी नया रूट प्लान बनाया गया। इस दौरान सभी ट्रैक्टर ट्रालियों व मिनी टिप्परों के निर्धारित संख्या में चक्कर लगाने पर जोर देते हुए इन पर कड़ी निगाह रखने का निर्णय लिया गया। लापरवाही में चक्कर मिस करने पर कड़ी कार्रवाई करने की भी बात कही गई।
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चालकों के रूट और नंबरों से अनजान थे अधिकारी
अब तमाम मिनी टिप्पर चालकों व एवं हेल्परों के रूट और उनके मोबाइल नंबरों की जानकारी निगम के अधिकारियों के पास भी मौजूद रहेगी। इससे पहले केवल इक्का-दुक्का सेनेटरी इंस्पेक्टरों को ही इसकी जानकारी होती थी। नई योजना के तहत सभी मिनी टिप्पर चालकों एवं हेल्परों के मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए जाएंगे, ताकि संबंधित एरिया के लोग मिनी टिपर के कचरा उठाने के लिए नहीं आने की स्थिति में चालक-हेल्पर को खुद भी फोन कर सकें।
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डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन में लगे हैं 46 टिप्पर
शहर के सेकेंडरी प्वाइंट खत्म करने के लिए नगर निगम की ओर से हाल ही में करोड़ों की लागत से 46 मिनी टिप्पर खरीदे गए हैं, जिनके लिए 92 ड्राइवर और 184 हेल्पर ठेके पर भर्ती किए गए हैं। करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ढर्रे पर नहीं आ सकी है। न तो पूरी तरह से सेकेंडरी प्वाइंट खत्म हो पाए हैं और न ही तमाम घरों और व्यापारिक संस्थानों से हर रोज नियमित रूप में कचरा उठ रहा है। शहर में 65 हजार रिहायशी और करीब 15 हजार व्यापारिक यूनिट हैं।
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निगम शहर को पूरी तरह साफ रखने को प्रयासरत : एसई
सुपरिटेंडेंट इंजीनियर (ओएंडएम) किशोर बांसल ने कहा कि मिनी टिप्परों और ट्रैक्टर ट्रॉलियों के नए रूट प्लान तैयार किए जा रहे हैं। इसकी जानकारी तथा चालकों के नंबर सार्वजनिक की जाएगी, ताकि सफाई व्यवस्था में सुधार किया जा सके। नगर निगम शहर को साफ सुथरा रखने के लिए प्रत्येक प्रयास कर रहा है।