सेहत सेवाओं के निजीकरण के फैसले के विरोध में प्रदर्शन
पैरामेडिकल की जत्थेबंदियों की ओर से सरकार के सेहत सेवाओं के निजीकरण करने के फैसले के विरोध में वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्तपाल, सिविल सर्जन दफ्तर के समूह कर्मचारियों के साथ मिलकर काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन किया।
संस, ब¨ठडा : पैरामेडिकल की जत्थेबंदियों की ओर से सरकार के सेहत सेवाओं के निजीकरण करने के फैसले के विरोध में वूमेन एंड चिल्ड्रन अस्तपाल, सिविल सर्जन दफ्तर के समूह कर्मचारियों के साथ मिलकर काले बिल्ले लगाकर रोष प्रदर्शन किया। इस मौके पर जत्थेबंदियों के नेताओं ने कहा कि सेहत सेवाओं को गांवों व शहरी क्षेत्रों में स्थित डिस्पेंसरी, पब्लिक सेंटर, कम्यूनिटी हेल्थ सेंटरों को पब्लिक पार्टनरशिप के नाम पर निजी हाथों में देने के फैसला गलत है। ऐसा कर सरकार लोगों को मिलने वाली बुनियादी अधिकारों से वंचित कर रही है। पहले ही सरकार की ओर से सेहत सेवाओं के क्षेत्र में भी निजी कंपनियों की ओर से लूट की जा रही हैं। सेहत सुविधाओं को प्राइवेट करने पर जहां आम व्यक्ति को मिलने वाली सुविधा बंद हो जाएंगी। वहीं इससे सेहत विभाग में कार्य करने वाले कर्मचारियों की भी सेवाएं खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि सेहत मंत्री की ओर से गैर जिम्मेदाराना बयान दिए जा रहे हैं। सरकार सेहत बजट में बढ़ावा करने का ढोंग कर रही है। जबकि वास्तव में बजट में कटौती की जा रही है।
इस दौरान नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने कर्मचारी एवं लोक विरोधी फैसला तुरंत रद नहीं किया गया तो सरकार का सख्त विरोध किया जाएगा। इसके साथ ही चार फरवरी तक ब्लाक स्तर पर रैलियां की जाएगी। पांच फरवरी को जत्थेबंदियों की ओर से धरना लगाया जाएगा।
इस मौके पर पीसीएमएस डॉ. अरुण बांसल, सुखमंदर ¨सह सिद्धू, बलदेव ¨सह रोमाना, पंजाब एनएचएम कनवीनर न¨रदर कुमार, कुल¨वदर ¨सह फार्मासिस्ट, जगदीश राए, हर¨वदर ¨सह, सु¨रदर धीर, मक्खन¨सह, कुलवीर ¨सह व मुकेश कुमार भी उपस्थित थे।