कचरा प्लांट मामले में शुरू हुई बहस, अगली सुनवाई 27 मार्च की तय
सॉलिड वेस्ट मैनेटमेंट प्लांट (कचरा प्लांट) को लेकर जेआइटीएफ कंपनी और नगर निगम के बीच अदालत में चल रहे विवाद में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान निगम के वकील द्वारा मामले में बहस शुरू की गई और कंपनी पर एग्रीमेंट के मुताबिक काम नहीं करने के आरोप लगाएं।
जागरण संवाददाता, बठिडा
सॉलिड वेस्ट मैनेटमेंट प्लांट (कचरा प्लांट) को लेकर जेआइटीएफ कंपनी और नगर निगम के बीच अदालत में चल रहे विवाद में बुधवार को सुनवाई हुई। इस दौरान निगम के वकील द्वारा मामले में बहस शुरू की गई और कंपनी पर एग्रीमेंट के मुताबिक काम नहीं करने के आरोप लगाएं। वहीं कंपनी के वकील ने भी अपना पक्ष रखते हुए उल्टा निगम पर एग्रीमेंट की शर्ते पूरी न करने के आरोप लगाएं। जज ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च तय की गई है। उधर, अपने स्टे के बने रहने एवं कुछ दिनों का और समय मिलने पर नगर निगम के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। गौरतलब है नगर निगम की ओर से करार की शर्तें पूरी न करने का आरोप लगाते हुए जेआइटीएफ कंपनी ने कचरा प्लांट बंद करने के स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को टर्मीनेशन नोटिस भेजे थे। पहले नवंबर माह में निगम को कंसलटेशन नोटिस दिया था। लेकिन निगम ने जब कोई उचित जवाब नहीं दिया तो कंपनी ने बीती पांच दिसंबर को निकाय विभाग के डायरेक्टर को टर्नीमेशन नोटिस भेजा। जिसमें कहा गया कि अगर विभाग उनकी शर्तों को पूरा नहीं करता तो प्लांट संबंधी करार को रद्द दिया जाए। कंपनी 19 जनवरी को कचरा प्लांट चलाना बंद कर देगी। इसका कोई उचित जवाब न मिलने पर कंपनी ने फिर बीती 5 जनवरी को निकाय विभाग के मुख्य सचिव को भी नोटिस भेजा था। इस नोटिस पर मुख्य सचिव ने कंपनी और निगम अधिकारियों के साथ बैठक भी की। लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। उधर, प्लांट बंदी के बीती 19 जनवरी के नोटिस से एक दिन पहले निगम ने कोर्ट से अल्पकालिक स्टे हासिल कर लिया। कंपनी ने इस स्टे को वोकेट कराने के लिए अपना जवाब दायर कर दिया। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने अपने जवाब में कहा है कि निगम ने माननीय अदालत को मिसलीड करके यह स्टे हासिल किया है। लेकिन अभी तक उसके इस जवाब पर बहस नहीं हो सकी है।