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पूर्व सैनिक ने लव मैरिज करने पर ममेरी बहन को मार डाला था, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

पंजाब के बठिंडा में एक पूर्व फौजी ने प्रेम विवाह करने पर अपने साथियों के साथ मिलकर ममेरी बहन की हत्‍या कर दी। अब अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 03:26 PM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 03:26 PM (IST)
पूर्व सैनिक ने लव मैरिज करने पर ममेरी बहन को मार डाला था, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
पूर्व सैनिक ने लव मैरिज करने पर ममेरी बहन को मार डाला था, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

बठिंडा, [गुरप्रेम लहरी]। ऑनर किलिंग में मानसा की जिला अदालत ने दोषी पूर्व सैनिक को फांसी की सजा सुनाई है। दोषी ने अपने साथियों के साथ मिलकर मामा की बेटी को उनके गांव में लव मैरिज करवाने से खफा होकर मौत के घाट उतार दिया था। इस मामले में नामजद आरोपित मक्खन सिंह को मानसा की जिला एवं सेशन अदालत ने सजा सुनाई।

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सुनवाई के दौरान दोषी ने जज से रहम की गुहार लगाते हुए कहा, मैंने 17 साल आर्मी में सेवाएं दी हैं। मुझे माफ कर दो। मेरा बच्चा छोटा है। बाप भी बुजुर्ग हैं। मुझे बख्श दो। इस पर जज मनदीप पन्नू ने कहा, अगर 17 साल आर्मी में काम किया तो क्‍या निर्दोष को मारने का लाइसेंस मिल गया? पूर्व सैनिक से ऐसी वारदात की उम्मीद नहीं की जा सकती। तुमको माफी नहीं दी जा सकती।

जज ने कहा, तुमने मकसद के तहत कत्ल किया है।  तुमने समझा कि युवती का कत्ल करके आपकी इज्जत बच जाएगी। आपने अपने मामा की गर्भवती बेटी व उसके पति पर गोलियां दाग दीं। आपको फांसी से कम सजा नहीं दी जा सकती।

मानसा जिले के गांव फत्ता मालोका निवासी गुरप्यार सिंह ने 16 अप्रैल, 2015 को पुलिस को इस संबंधी शिकायत दी थी। उसने कहा था कि वह सरदूलगढ़ के जीनियस सेकेंडरी स्कूल में बतौर शारीरिक शिक्षा अध्यापक तैनात है। 29 दिसंबर 2014 को उन्होंने गांव भम्मे कलां की सिमरजीत कौर के साथ माननीय हाईकोर्ट में लव मैरिज करवाई थी। उनकी पत्नी सिमरजीत कौर सरकारी प्राइमरी स्कूल सरदूलगढ़ में अध्यापिका तैनात थी।

उसने शिकायत में कहा कि 16 अप्रैल, 2015 को गांव फत्ता मालोका के पास सिमरजीत कौर को गोली मार दी गई थी, जबकि उसे घायल कर दिया गया था। मामले में मक्खन सिंह, दिलेर सिंह, जगतार और सुखविंदर पर केस चला। दिलेर सिंह की पहले ही मौत हो चुकी है। 8 मार्च को सुनवाई में अदालत ने जगतार और सुखविंदर को बरी कर दिया था तथा मक्खन को दोषी करार दिया गया था।


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