सीयूपीबी, बीएआरसी व एएमडीईआर एक साथ पंजाब के भूजल का करेंगे निरीक्षण
भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर मुंबई के शोधकर्ताओं के लिए एक एकीकृत मंच स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जासं, बठिडा : पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिडा ने देश के शीर्ष संस्थानों में एटामिक मिनरल डायरेक्टोरेट फार एक्सप्लोरेशन एंड रिसर्च हैदराबाद व भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर मुंबई के शोधकर्ताओं के लिए एक एकीकृत मंच स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस एकीकृत मंच को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य पंजाब के मालवा क्षेत्र के भूजल में भारी धातुओं व यूरेनियम के प्रदूषण का समाधान प्रदान करना है।
सीयूपीबी, बीएआरसी व एएमडीईआर के शीर्ष वैज्ञानिकों के बीच हुई एक बैठक में पंजाब व आसपास के भूजल में भारी धातु और यूरेनियम की समस्या के समाधान का पता लगाने के लिए प्रमुख वैज्ञानिकों की छह सदस्यीय हाई प्रोफाइल समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है।
इस इंटरएक्टिव स्तर में सीयूपीबी के कुलपति प्रो राघवेंद्र पी तिवारी, एएमडीईआर के निर्देशक डा. डीके सिन्हा के अलावा बीएआरसी के स्वास्थ्य सुरक्षा व पर्यावरण समूह के ग्रुप डायरेक्टर आरएम सुरेश बाबू, डा. एम कुलकर्णी, डा. संजय झा, प्रो. वीके गर्ग, डा. सुनील मित्तल उपस्थित थे।
इस बैठक के बाद कुलपति प्रो. राघवेंद्र पी. तिवारी ने बताया कि सीयूपीबी ने बीएआरसी व एएमडीईआर के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर पंजाब के भूजल प्रदूषण के समाधान का पता लगाने की यह पहल की है। उन्होंने कहा कि पंजाब के भूजल में यूरेनियम और भारी धातु के प्रदूषण के विषय पर अनुसंधान प्रगति की निगरानी और समाधान खोजने के लिए सभी तीन संस्थानों के प्रमुख वैज्ञानिकों की एक हाई प्रोफाइल समिति का गठन किया जाएगा। उनका कहना है कि यह एकीकृत मंच का उद्देश्य प्रमुख संस्थानों के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने और उच्च अनुसंधान तकनीक की पहुंच को आसान बनाना होगा। प्रो. तिवारी ने आश्वासन दिया कि इस प्रयास से एक ऐसा मंच स्थापित करने में मदद मिलेगी जहां पंजाब के भूजल के प्रदूषण के लिए अभिनव समाधान खोजने के लिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक मिलकर काम करेंगे।