बारिश में भीगा किसानों का हजारों क्विंटल धान
बठिडा की अनाज मंडी में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
जासं, बठिडा : बठिडा की अनाज मंडी में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। मंडी में किसानों की लाखों क्विंटल धान की फसल पहुंच चुकी है। मगर फसल को संभालने के लिए मंडी अधिकारियों के पास कोई प्रबंध नहीं है। शहर में बुधवार रात को हुई तेज बारिश में अनाज मंडी में खुले आसमान के नीचे पड़ी हजारों क्विटंल धान की फसल भीग गई। किसानों द्वारा इतनी मेहनत से पाली गई धान की फसल को मंडी में बर्बाद कर दिया गया। उधर किसानों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि मंडी में अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनकी फसल की बर्बादी हुई है। जबकि इसमें ज्यादातर यह फसल बर्बाद हुई, जो बोरियों में भरी हुई थी। मंडी में तुलाई के बाद लिफ्टिग के इंतजार में पड़ी फसल की बोरियां नीचे से भीग गई हैं, जिनको सुखाने के लिए अब मंडी में धूप में रखा गया है। बेशक मंडी में अभी नए फड़ व शेड बनाकर रिपेयर भी की गई है, लेकिन इसके बाद भी फसल भीगने से नहीं बच सकी।
दाना मंडी में किसानों ने बताया कि अनाज मंडी में फसल रखने के लिए दो बड़े-बड़े शेड किसानों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं। मगर यह फसल रखने के लिए सक्षम न होने के कारण किसान खुले आसमान में अपनी फसल रखने को मजबूर हैं। बारिश व नमी बढ़ने की वजह से फसल के तयशुदा रेट से नीचे रेट मिलना किसानों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। मंडी में पांच सरकारी एजेंसियां सक्रिय है, जोकि पांच प्रतिशत कमीशन लेकर हर वर्ष करोड़ों रुपये किसानों से कमाती हैं। लेकिन इतनी कमीशन एजेंसियों द्वारा लेने के बावजूद फसल को तिरपाल से ढकने की जिम्मेदारी केवल जमींदारों व किसानों की ही है।
इस संबंध में सचिव मार्केट कमेटी बठिडा बलकार सिंह बताया कि किसानों को पहले ही सूचित कर दिया जाता है कि अपने धान या गेंहू को तिरपाल से ढक करके रखे, पर उन्होंने ऐसा नहीं किया। मगर उनके द्वारा धान की फसल को बारिश से बचाने के लिए हर प्रकार के प्रबंध किए जाते हैं। इसके तहत अब जो फसल भीग चुकी है, उसको सुखाने के लिए रखा गया है।