प्रॉपर्टी टैक्स पर कोरोना की मार, अभी तक सिर्फ 2.95 करोड़ की रिकवरी
प्रॉपर्टी टैक्स की उगाही को भी कोरोना संक्रमण काल ने बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है।
सुभाष चंद्र, बठिडा :
नगर निगम के अन्य आमदन के स्त्रोतों की तरह ही प्रॉपर्टी टैक्स की उगाही को भी कोरोना संक्रमण काल ने बुरी तरह से प्रभावित कर रखा है। लोगों के आमदन के जरिए कम होने के कारण नगर निगम के सभी आय के स्त्रोतों से बहुत ही धीमी गति के साथ रिक्वरी हो रही है। नगर निगम ने इस साल प्रॉपर्टी टैक्स से 10 करोड़ रुपये की उगाही का लक्ष्य निर्धारित किया। हालांकि बीते मार्च माह की शुरुआत में यह लक्ष्य अधिक था, लेकिन जैसे ही कोरोना महामारी का दौर शुरू हुआ तो यह लक्ष्य कम करके दस करोड़ रुपये कर दिया गया। परंतु जिस तरह के अभी भी हालात बने हुए उससे लगता नहीं है कि नगर निगम अपने निर्धारित लक्ष्य को हासिल कर पाएगा। साल के लगभग पूरे छह महीने बीतने को हैं। परंतु इन छह महीनों में अभी तक केवल 2.95 करोड़ रुपये की ही रिकवरी हुई है। 31 अक्टूबर तक 10 फीसद पैनल्टी से पुराना टैक्स भरने की छूट
राज्य में जबसे प्रॉपर्टी टैक्स लागू हुआ है, तब से लेकर 2019-20 तक शहर के लोगों की ओर करीब तीन करोड़ रुपये यह टैक्स बकाया खड़ा है। राज्य सरकार की ओर से पुराने प्रॉपर्टी टैक्स पर दी गई जुर्माने की छूट और रिबेट के बावजूद शहर के लोगों ने इसकी अदायगी करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। लोग केवल नया प्रॉपर्टी टैक्स को कुछ हद तक अदा कर रहे हैं, लेकिन वर्षों पुराना टैक्स अदा नहीं कर रहे हैं। अब भी पुराने टैक्स पर 31 अक्टूबर तक केवल 10 फीसद पैनल्टी के साथ भरने की छूट दी हुई है। जबकि 31
अक्टूबर के बाद 10 फीसद पैनल्टी बढ़कर 20 फीसद हो जाएगी और साथ 18 फीसद ब्याज भी लगेगा। लोगों को इसका पता होने के बावजूद पुराने टैक्स की नाममात्र अदायगी ही हो रही है। निगम 30 सितंबर के बाद 2019-20 साल तक के पुराने टैक्स की उगाही के लिए सीलिग के नोटिस जारी करने पर भी विचार कर रहा है। पिछले साल हासिल हुए थे 4.46 करोड़, इस बार सिर्फ 2.95 करोड़ इस चालू वर्ष 2020-21 के प्रॉपर्टी टैक्स पर राज्य सरकार की ओर से 30 सितंबर तक 10 फीसद रिबेट दी हुई है। लेकिन फिर भी नगर निगम को लोगों का उतना उत्साह दिखाई नहीं पड़ रहा है, जितना कि पिछले सालों के दौरान दिखता रहा है। निगम को बीती 23 सितंबर तक बीते छह महीनों में 2.95 करोड़ रूपये की रिकवरी हुई है। जबकि पिछले साल 23 सितंबर तक नगर निगम के खाते में 4.46 करोड़ रूपये आए थे। इस साल के प्रॉपर्टी टैक्स पर बेशक 30 सितंबर तक 10 फीसद की रिबेट है। उसके बाद यह रिबेट की छूट भी खत्म हो जाएगी। इस उपरांत 31 दिसंबर तक तो कोई जुर्माना या ब्याज तो नहीं लगेगा। लेकिन 31दिसंबर के बाद पैनल्टी और ब्याज लगना शुरू हो जाएगा। बता दें कि नगर निगम का एक वर्ष का लोगों की ओर करीब 10 करोड़ रूपये प्रॉपर्टी टैक्स बन जाता है। इसमें करीब 40 हजार रेजीडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों यूनिट शामिल हैं।