Move to Jagran APP

मेयर पद न मिलने से नाराज थे गिल, कांग्रेसी चिंतित

कांग्रेस के दिग्गज नेता जगरूप सिंह गिल के आम आदमी पार्टी में चले जाने से जहां कांग्रेस नेताओं में चिता पई जा रही है वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं में भी खलबली मची हुई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 05:54 AM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 05:54 AM (IST)
मेयर पद न मिलने से नाराज थे गिल, कांग्रेसी चिंतित
मेयर पद न मिलने से नाराज थे गिल, कांग्रेसी चिंतित

गुरप्रेम लहरी बठिडा

loksabha election banner

कांग्रेस के दिग्गज नेता जगरूप सिंह गिल के आम आदमी पार्टी में चले जाने से जहां कांग्रेस नेताओं में चिता पई जा रही है वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं में भी खलबली मची हुई है। बठिडा विधानसभा हलके से टिकट के दावेदार अब परेशानी में दिख रहे हैं क्योंकि अब उनको अपनी टिकट खिसकती दिखाई दे रही है। क्योंकि गिल बठिडा की रग-रग से वाकिफ हैं और और छठी बार लगातार पार्षद चुने गए हैं। दो बार बठिडा नगर कौंसिल के प्रधान भी रह चुके हैं। इसके अलावा नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन रहे और कुछ माह पहले उनको जिला योजना बोर्ड का चेयरमैन लगाया गया था, लेकिन निकाय चुनाव के कारण उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था और छठी बार चुनाव लड़ा था। हालांकि पार्टी से नाराजगी इस बात को लेकर भी थी कि छह बार पार्षद बनने के बावजूद उन्हें मेयर नहीं बनाया गया।

उधर, आम आदमी पार्टी के कई ऐसे नेता हैं जो टिकट के लिए अपनी दावेदारी जता रहे थे, लेकिन जगरूप गिल के आने से उनको झटका लगा है। हालांकि कोई भी पार्टी वर्कर या नेता यह बात बोलने को तैयार नहीं है। सभी गिल का स्वागत कर रहे हैं लेकिन वे अंदर से चिता में डूबे हुए हैं। बठिडा विधानसभा हलके की टिकट के लिए आम आदमी पार्टी के आधा दर्जन से अधिक नेता दावेदारी जता रहे थे। एक बार तो उन सबकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। गिल को ज्वाइन कराने के लिए लेकर जाने वालों में से भी कई नेता टिकट के दावेदार हैं। आप के जिला प्रधान नील गर्ग जगरूप गिल के आप में शामिल होने को लेकर काफ उत्साह में हैं। उनका मानना है कि जगरूप गिल के आने से आम आदमी पार्टी और मजबूत होगी। मेयर बनने के लिए दिया था जिला योजना बोर्ड से इस्तीफा जगरूप सिंह गिल बठिडा नगर निगम के मेयर पद के प्रबल दावेदार थे। इसके चलते ही उन्होंने जिला योजना बोर्ड से इस्तीफा दिया था, लेकिन मेयर उनकी बजाए रमन गोयल को बना दिया गया। इस कारण वे मनप्रीत बादल से खफा हो गए और नगर निगम की हर बैठक में मेयर को घेरना शुरु कर दिया। छह बार लगातार पार्षद रहने के कारण उनको बठिडा के बारे में पूरी जानकारी है। इसके चलते उनके सवालों का मेयर के पास कोई जबाव नहीं होता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.