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मौड़ मंडी के 'अग्निपथ' पर उठेंगे इंसाफ और विकास के सवाल

पिछले चुनाव से महज चार दिन पहले ही काग्रेस उम्मीदवार की जनसभा के पास हुए बम ब्लास्ट में सात लोगों की मौत हो गई थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 03:38 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 03:38 AM (IST)
मौड़ मंडी के 'अग्निपथ' पर उठेंगे इंसाफ और विकास के सवाल
मौड़ मंडी के 'अग्निपथ' पर उठेंगे इंसाफ और विकास के सवाल

गुरप्रेम लहरी, मौड़ मंडी

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मौड़ मंडी विधानसभा क्षेत्र के लिए यह चुनाव अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछले चुनाव से महज चार दिन पहले ही काग्रेस उम्मीदवार की जनसभा के पास हुए बम ब्लास्ट में सात लोगों की मौत हो गई थी। इसने पूरे पंजाब को दहला कर रख दिया था। उक्त मामले के मुख्य आरोपित अभी पकड़े नहीं गए हैं। कांग्रेस सरकार इस मामले में पांच साल में कुछ खास नहीं कर पाई है। इससे कांग्रेस के प्रति लोगों में नाराजगी है। लोगों ने बहुत ही उम्मीदों के साथ आम आदमी पार्टी (आप) के जगदेव सिंह कमालू को जिताया था। उन्होंने इलाके का विकास नहीं किया, इससे आप के प्रति भी लोगों में गुस्सा है। पहली बार ताल ठोकेंगे सभी पार्टियों के उम्मीदवार लगभग सभी पार्टियों से घोषित उम्मीदवार इस विधानसभा हलके में पहली बार ताल ठोकेंगे। शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार जगमीत सिंह बराड़ इससे पहले दो विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन मौड़ मंडी में वह पहली बार चुनावी मैदान में उतरेंगे। इसी प्रकार काग्रेस उम्मीदवार डा. मनोज वाला बंसल भी यहां से पहली बार किस्मत आजमाएंगी। इससे पहले उन्होंने 2017 में मानसा विधानसभा हलके से चुनाव लड़ा था। वर्ष 2017 के चुनाव में आप के टिकट से चुनाव जीतने वाले जगदेव सिंह कमालू पहले सुखपाल सिंह खैहरा के साथ चले गए थे और फिर काग्रेस में शामिल हो गए। इसलिए इस बार आम आदमी पार्टी ने युवा उम्मीदवार सुखबीर माइसरखाना पर दाव खेला है। सिर्फ माइसरखाना ही इस विधानसभा क्षेत्र से हैं, जबकि अन्य दोनों प्रत्याशी बाहरी हलकों से हैं। शिअद छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए जगदीप सिंह नकई को अगर पार्टी मैदान में उतारती है तो वह भी कई उम्मीदवारों का खेल बिगाड़ सकते हैं। किसान आदोलन में सक्रिय रहे लक्खा सिधाना ने भी क्षेत्र में गतिविधियां बढ़ा दी हैं। उनको संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से चुनाव लड़ाया जा सकता है। 2012 में बनाया गया मौड़ मंडी विधानसभा क्षेत्र मौड़ मंडी विधानसभा क्षेत्र 2012 में बनाया गया। इससे पहले यह तलवंडी साबो विधानसभा क्षेत्र का ही हिस्सा था। वर्ष 2012 में पहली बार हुए चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के जनमेजा सिंह सेखों ने 1387 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वह कैबिनेट मंत्री बने थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जगदेव सिंह कमालू जीत गए थे। कमालू को 62104 मत मिले थे। शिअद के जनमेजा सिंह सेखों को 47,514 और काग्रेस के हरमंदर सिंह जस्सी को सिर्फ 23,032 वोट मिले थे। कमालू 14,590 वोटों के अंतर से जीते थे। कब कौन-कौन जीता

2017 में जगदेव सिहं कमालू आप

2012 में जनमेजा सिंह सेखों शिअद


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