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त्रिवेणी कंपनी और सीवरेज बोर्ड में बढ़ा टकराव, धीमे पड़े विकास कार्य

त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड व सीवरेज बोर्ड के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 11:38 PM (IST)Updated: Mon, 19 Oct 2020 05:10 AM (IST)
त्रिवेणी कंपनी और सीवरेज बोर्ड में बढ़ा टकराव, धीमे पड़े विकास कार्य
त्रिवेणी कंपनी और सीवरेज बोर्ड में बढ़ा टकराव, धीमे पड़े विकास कार्य

सुभाष चंद्र, बठिडा : महानगर में सौ फीसद सीवरेज और पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नगर निगम के साथ कांट्रैक्ट के तहत काम कर रही त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड व सीवरेज बोर्ड के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। करीब 20 करोड़ रुपये की पुरानी पैमेंट का भी भुगतान न करने और त्रिवेणी कंपनी के स्कोप के आठ करोड़ रुपये के विकास कार्यों के टेंडर वाटर सप्लाई व सीवरेज बोर्ड की ओर से खुद लगा देने को लेकर कंपनी और भी ज्यादा चिढ़ गई है। जिसके बाद कंपनी की तरफ किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों की गति धीमी पड़ गई है। वैसे अपनी पैमेंट का भुगतान न होने के कारण कंपनी की तरफ से पहले ही धीमी के साथ काम किए जा रहे थे, वहीं अब इसकी गति और धीमी कर दी गई है। इससे जो काम अब तक मुकम्मल हो जाने थे, उसे पूरा करने के में अभी कई माह और लग जाएंगे। 150 में से अभी तक 95 करोड़ के काम का फ्रंट मिला

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त्रिवेणी कंपनी वर्ष 2015 से यहां पर 211 करोड़ रुपये के कांट्रैक्ट के तहत काम कर रही है। हालांकि यह कांट्रैक्ट 30 महीनों का था और तमाम काम इस अवधि में मुकम्मल हो जाने चाहिए थे। लेकिन काम अभी भी चल रहे हैं। कंपनी की माने तो इसकी देरी की वजह खुद विभाग है। क्योंकि उसने उन्हें समय पर काम के लिए फ्रंट ही उपलब्ध नहीं कराया गया है। त्रिवेणी कंपनी के डिप्टी जनरल मैनेजर वीबी शिवांगी ने बताया कि 150 करोड़ के एक कांट्रैक्ट के अनुसार दिसंबर 2017 में काम मुकम्मल हो जाना चाहिए था। लेकिन बोर्ड ने इस अवधि तक उन्हें 74 करोड़ के काम का ही फ्रंट दिया। 76 करोड़ के काम का फ्रंट ही नहीं दिया। जबकि इसके बाद भी आज तक केवल 95 करोड़ रुपये का फ्रंट दिया है। जिसमें से 90 करोड़ का काम मुकम्मल किया जा चुका है और पांच करोड़ के काम चालू हैं। विभाग ने 90 करोड़ के काम में से अभी तक उन्हें 70 करोड़ की ही अदायगी की है। 20 करोड़ की पैमेंट बाकी है। जिसके लिए कई बार अधिकारियों को नोटिस निकाले जा चुके हैं। लेकिन विभाग ने उन नोटिसों का जवाब तक भी नहीं दिया है। जबकि 55 करोड़ का अभी तक काम नहीं दिया है। विभाग ने सीवरेज हाउस कनेक्शन का 9 करोड़ का, वाटर सप्लाई कनेक्शन का 5 करोड़ का, सड़कों की मरम्मत का 6 करोड़ का, एसएंडएस (सेडिमेंटेशन एंड स्टोरेज) टैंक का 9.3 करोड़ का, रीहैबलीटेशन सीवरेज पाइप लाइन का 10 किलोमीटर का, 1200 एमएम राइजिग मेन का 9 करोड़ रुपये का काम नहीं दिया है। कई मोहल्लों में सीवरेज

लाइनें बिछाने का काम प्रभावित 20 करोड़ की पुरानी पैमेंट और हाल ही में आठ करोड़ के विकास कार्यों के टेंडर विभाग की ओर से खुद लगा लेने पर अब यह टकराव और ज्यादा बढ़ गया है। कंपनी ने आदर्श नगर में चल रहा सीवेरज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण का काम जहां धीरे कर दिया है। वहीं सीवरेज की सुविधा से वंचित इलाकों सरहिद कैनाल के साथ इलाके में, आदर्श नगर, सुच्चा सिंह नगर, गुरू नानक नगर, खेता सिंह बस्ती तथा कोठे अमरपुरा सहित आसपास के क्षेत्रों में सीवरेज की पाइपें बिछाने का चल रहा कार्य भी धीमा कर दिया है। जबकि यह काम अभी तक मुकम्मल हो जाना चाहिए था। लेकिन अब जिस गति से यह काम चल रहा है, उससे लगता है कि इसे पूरा होने में अभी करीब तीन महीने का समय लग जाएगा। सीवरेज डालने के काम के लटकने से लोगों को अभी तीन माह और मुश्किल झेलनी होगी। कांट्रैक्ट 30 माह का था न कि 20 साल का : एक्सईएन

सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन अश्वनी कुमार का स्पष्ट कहना है यह कांट्रैक्ट 30 महीने का था न कि बीस साल का। कंपनी को विभाग की ओर से फ्रंट दिया जाता था, लेकिन उन्होंने काम ही नहीं किया। जिसके बाद ही कंपनी को उनके काम खुद करने पड़ रहे हैं। अब कंपनी के काम लगभग मुकम्मल हो चुके हैं।


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