डेयरियों से सीवरेज हो रहा जाम, निगम कमिश्नर ने दिए कार्रवाई के आदेश
सीवरेज जाम की बढ़ती शिकायतों को लेकर अब नगर निगम के अधिकारियों को चिता होने लगी है।
सुभाष चंद्र, बठिडा :
सीवरेज जाम की बढ़ती शिकायतों को लेकर अब नगर निगम के अधिकारियों को चिता होने लगी है। खासकर बरसात के इस मौसम में जाम सीवरेज पानी की निकासी में भी बड़ी बाधा बन रहा है। जबकि पानी की निकासी इन दिनों बरसात के बाद भी निगम अधिकारियों के पसीने छुड़ा रही है। सीवरेज जाम की सबसे बड़ी वजह शहर के अधिकतर गली-मोहल्लों में स्थित पशु डेयरियां बन रही हैं। पशुओं का गोबर और उनका बचा खुचा चारा सीवरेज में जाने उसे जाम कर रहा है। शहर में हैं 500 डेयरियां, सीवरेज में जा रहा गोबर व कचरा
आम दिनों में सीवरेज जाम की शिकायतें 10 से 20 तक रहती हैं। जबकि बरसात के मौसम में यह शिकायतें बढ़कर करीब 40 तक पहुंच जाती हैं। इनमें 80 फीसद शिकायतों में सीवरेज जाम की वजह पशुओं का गोबर ही होता है। नगर निगम के अधिकारी अकसर मीटिगों के दौरान मौखिक रूप में पशु डेयरियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात करते रहते हैं, लेकिन वास्तव में पशु डेयरी संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। पिछले लंबे समय से पशु डेयरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि शहर के अधिकतर गली मोहल्लों में इस समय करीब 500 पशु डेयरियां चल रही हैं।
क्या कहता है नियम
नियमों के अनुसार गलियों-मोहल्लों में पशु डेयरियां होनी ही नहीं चाहिएं। अगर हैं तो पशुओं का गोबर व बचे खुचे चारे का कचरा किसी भी तरह से सीवरेज में नहीं जाना चाहिए। डेयरी के अंदर एक छोटी और एक बड़ी पिट बनी होनी चाहिए। बड़ी पिट में गोबर जाए और उसका पानी छोटी पिट में जाए। जिसके बाद यह पानी सीवरेज में जाना चाहिए। लेकिन शहर में ऐसा नहीं है। शहरी की अधिकतर डेयरियों के पशुओं का गोबर व कचरा सीधा सीवरेज में ही जा रहा है। जोकि सीवरेज जाम की वजह बन रहा है। जिन इलाकों में पशु डेयरियां मौजूद हैं, उस क्षेत्र के मेनहोल अकसर सीवरेज जाम होने की वजह से ओवरफ्लो ही होते रहते हैं। निगम कमिश्नर के निर्देश पर एसई ने जारी किया पत्र
सीवरेज जाम की बढ़ती शिकायतों व बरसाती पानी की निकासी में पैदा हो रही दिक्कत के मद्देनजर अब नगर निगम के कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल के निर्देश पर सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर हरपाल सिंह भुल्लर ने वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन को पत्र जारी किया है। जिसमें जिन पशु डेयरियों का गोबर व अन्य कचरा सीवरेज में जा रहा है उनके सीवर और पानी के कनेक्शन काटने के आदेश दिए गए हैं। इस पत्र में यह भी नाराजगी व्यक्त की गई है कि अभी तक ऐसे डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। पत्र में एक सप्ताह के अंदर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को भी कहा गया है।
डेयरियों पर जल्दी ही शुरू की जाएगी कार्रवाई: एक्सईएन
वाटर सप्लाई एवं सीवरेज बोर्ड के एक्सईएन अश्वनी कुमार ने निगम सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर का पत्र मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि निगम के निर्देश पर जल्दी ही कार्रवाई शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि वैसे तो डेयरियां मोहल्लों में होनी ही नहीं चाहिए। अगर हैं तो किसी भी हालत में उनका गोबर-कचरा सीवरेज में नहीं जाना चाहिए। लेकिन डेयरियों के संचालक सब गोबर-कचरे को पानी में घोलकर उसे सीवरेज में ही डाल रहे हैं।