जिले में पराली जलाने वाले 48 किसानों के खिलाफ दर्ज किए मामले
जिला प्रशासन ने प्रतिबंध के बाजवजूद पराली जलाने वाले जिले 48 किसानों पर केस दर्ज के जुर्माना लगाया है।
जागरण संवाददाता, बठिडा
जिला प्रशासन की ओर से धान की पराली को आग न लगाने संबंधी किसानों को जागरूक करने के लिए किए जा रहे दावे पूरी तरह से फेल होते नजर आ रहे हैं। दिवाली के त्योहार के बाद किसानों द्वारा लगातार पराली को आग लगाई गई। जिसके कारण 3 दिनों तक बठिडा का वातावरण भी काफी खराब रहा। वहीं अब सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद प्रशासन भी किसानों पर कार्रवाई करने के लिए उतर आया है।
बेशक प्रशासन की ओर से किसानों के चालान काट कर उनको जुर्माना तो किया जा रहा था। मगर एफआइआर किसी पर भी दर्ज नहीं हुई थी। लेकिन अब पराली जलाने वाले 48 किसानों पर एफआईआर भी दर्ज कर दी गई है। वहीं 298 किसानों के चालान काटकर उनको 9,58,500 रुपए जुर्माना भी किया गया है। इसी प्रकार बिना एसएमएस के धान की कटाई करने वाले 15 कंबाइनों के मालिकों को 30 लाख रुपए जुर्माना करने के अलावा पुलिस विभाग ने इनको जब्त करने के आदेश दिए हैं।
दूसरी तरफ बठिडा मानसा रोड के गांव कटार सिंह वाला के पास खेतों में एक किसान ने दोपहर के समय ही पराली को आग लगा दी। इस कारण धुआं इतना ज्यादा उठा कि सड़क पर दिखना भी बंद हो गया और वाहन चालकों को दिन किस समय ही अपने वाहनों की लाइटें जलानी पड़ी। जबकि रोड के दूसरी तरफ खड़े होकर सिर्फ डिवाइडर ही दिखाई दे रहा था। वहीं जिले में अब तक 1500 के करीब पराली जलाने के मामले सेटेलाइट ने बताए हैं। इस कारण मंगलवार को बठिडा का पॉल्यूशन लेवल भी 156 रहा, जो मानव सेहत के लिए ठीक नहीं है।
इस संबंध में डीसी बी श्रीनिवासन ने बताया कि पराली को आग लगाने से किसानों को रोकने के लिए विभागों के अधिकारी पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं। इसके तहत सख्त से सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। विभागों की बनाई गई 25 टीमों द्वारा विभिन्न जगहों पर कार्रवाई की जा रही हैं। यहां तक की खेती करने वाले सरकारी अधिकारी व कर्मचारी धान भी अगर पराली को आग लगाते हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि यह टीमें गांव स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक बनाई गई हैं। जिनके द्वारा पूरे जिले में नजर रखी जा रही है। अगर कोई किसान पराली को आग लगाते हुए पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
डीसी बठिडा ने टीमों को आदेश दिए कि फील्ड में जाकर किसानों पर नजर रखें। अगर इस दौरान कोई आग लगाते हुए पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर कोई सरकारी मुलाजिम या अधिकारी पराली को आग लगाते हुए पाया गया तो उस पर कार्रवाई करने के साथ साथ चार्जशीट किया जाएगा। इनसे प्रेरणालें किसान
गांव बंबीहा का किसान गुरजंट सिंह पिछले 4 साल से धान व गेहूं के अवशेष को आग लगाए बिना खेती कर रहा है। साधारण परिवार से संबंधित किसान साढ़े 5 एकड़ में खेती कर रहा है। जिसका कहना है कि उसने कभी भी फसल के अवशेष को आग नहीं लगाई। जबकि धान की कटाई से पहले एक हफ्ता खेत को पानी लगाया जाता है। जिसके बाद धान की कटाई रीपर के साथ करवाई जाती है। किसान गुरजंट सिंह ने बताया कि उसके द्वारा जीरो ड्रिल के साथ की बिजाई की जाती है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य किसानों को भी पराली को आग लगाने के लिए प्रेरित किया।