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ब्लास्ट से फैक्ट्री की चादरें 200 फीट तक उछली

जब ब्लास्ट हुआ तो मैं पास वाली दाल फैक्ट्री में था। मैं भाग कर ब्लास्ट वाली जगह की ओर जाने लगा तो देखा कि फैक्ट्री की टीन की चादरें करीब दो-तीन सौ फीट ऊंची उड़ रही थीं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 08:06 PM (IST)Updated: Thu, 20 Dec 2018 08:06 PM (IST)
ब्लास्ट से फैक्ट्री की चादरें 200 फीट तक उछली
ब्लास्ट से फैक्ट्री की चादरें 200 फीट तक उछली

गुरप्रेम लहरी, ब¨ठडा : जब ब्लास्ट हुआ तो मैं पास वाली दाल फैक्ट्री में था। मैं भाग कर ब्लास्ट वाली जगह की ओर जाने लगा तो देखा कि फैक्ट्री की टीन की चादरें करीब दो-तीन सौ फीट ऊंची उड़ रही थीं। मैं फैक्ट्री के करीब गया तो एक व्यक्ति ने कहा कि अंदर दो लोग घायल पड़े हैं। लेकिन कोई भी अंदर जाने को तैयार नहीं था। क्योंकि अंदर से जहरीला धुआं निकल रहा था। उस व्यक्ति ने दोबारा कहा कि इतने लोगों में से एक भी नहीं जो उनको बचा सके। तब हम चार लोग आगे बढ़े और धुएं में चले गए। यह कहना था ब्लास्ट के चश्मदीद सु¨रदर ¨सह का। सु¨रद्र ¨सह ने अपने साथियों को साथ लेकर घायलों को ब्लास्ट वाली फैक्ट्री से बाहर निकाला गया था।

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उन्होंने बताया कि जब हम अंदर गए तो वहां पर किसी के कराहने की आवाजें आ रही थीं। हरीश चंद्र और कबाडि़या राज कुमार वहां गंभीर हालत में पड़े थे। दोनों को इमारत से बाहर निकाला गया। तब तक सहारा जन सेवा की एंबुलेंस पहुंच गई थीं। उनके द्वारा दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया।

ब¨ठडा के इंडस्ट्रीयल एरिया में स्थित माचिस की फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में मारे गए हरीश चंद्र का वीरवार को पोस्टमार्टम कर दिया गया। वीरवार को शाम तक उसके परिजन पहुंचे नहीं थे। इसके चलते अभी तक उसका संस्कार नहीं किया जा सका। वहीं ब्लास्ट में घायल राज कुमार की हालत फरीदकोट के मेडिकल कॉलेज में गंभीर बनी हुई है।

हरीश एपीआई इंडस्ट्री में काम करता था तो माचिस फैक्ट्री में क्यों भेजा

मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि हरीश चंद्र एपीआई क्राप साइंस लिमिटेड में काम करता था तो मालिकों को उसको दूसरी फैक्ट्री में क्यों भेजा। मृतक हरीश चंद्र के भाई रामा शंकर ने कहा कि उसकी ड्यूटी तो एपीआई इंडस्ट्री में थी, उसको दूसरी फैक्ट्री में कैसे भेजा जा सकता है। असल में इन दोनों ही फैक्ट्रियों के मालिक एक ही हैं। रामा शंकर ने आरोप लगाया कि वहां पर कोई सफाई नहीं चल रही थी। सामान को कबाडि़ए को बेचा गया था। हरीश को उस सामान को उठवाने के लिए भेजा गया था। वहां पर यह हादसा हो गया। दूसरे दिन भी आग सुलगी

पंजाब मैच इंडस्ट्री में ब्लास्ट के दूसरे दिन भी आग सुलग पड़ी। अग्रवाल टफनज लिमिटेड की ओर से फायर ब्रिगेड को कॉल की गई कि पंजाब मैच कंपनी में आग सुलग रही है। इस पर तत्काल कंट्रोल करें। क्योंकि अगर इस पर काबू न डाला गया तो आज भी ब्लास्ट हो सकते हैं। इसके चलते फायर ब्रिगेड की एक गाड़ी फायर अफसर जस¨वदर ¨सह बराड़ की अगुवाई में आग बुझाने के लिए इंडस्ट्रीयल एरिया में पहुंची। जस¨वदर ¨सह बराड़ ने कहा कि एक गाड़ी से आग पर काबू पा लिया गया।


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