भाकियू पेट्रोल पंपों से धरने उठाने पर 28 को करेगी फैसला
निजी कंपनियों के पेट्रोल पंपों से धरने उठाने की मांग को लेकर भाकियू नेताओं और पंप डीलरों के बीच बैठक हुई।
जागरण संवाददाता, बठिडा : कृषि कानूनों को लेकर भारतीय किसान यूनियनों के संयुक्त मोर्चे की तरफ से पंजाब में बीती एक अक्टूबर से घेरे हुए निजी कंपनियों के पेट्रोल पंपों से धरने उठाने की मांग को लेकर भाकियू नेताओं और पंप डीलरों के बीच बैठक हुई। टीचर्स होम में हुई इस बैठक के दौरान भाकियू (एकता उगराहां) के जिला प्रधान शिगारा सिंह मान, जसवीर सिंह बुर्ज सेमा, बसंत सिंह तथा मक्खन सिंह आदि नेताओं ने पंप डीलरों की मांग पर गंभीरता के साथ विचार-विमर्श किया। पंप डीलरों ने कहा कि उनके पंपों का विरोध करने का मतलब उनका रोजगार छीनना है। क्योंकि अधिकतर पंप पंजाब के लोगों की ओर से खोले गए हैं। इन पंपों के मालिक भी पंजाबी व्यापारी हैं और जमीन भी उनकी अपनी मलकीयत है। पंप खोलने पर पूंजी भी उनकी खर्च हुई है। इस तरह ही इन पंपों पर काम करने वाले पंजाबियों का नुकसान हो रहा है। जबकि सात साल पहले ही वे सब्सिडी न मिलने के कारण उनके पंप बंद रहने से करोड़ों रुपये नुकसान झेल चुके हैं।
भाकियू नेता शिगारा सिंह मान ने कहा कि उनके किसान संगठन भी यह बात महसूस करते हैं, इसलिए इस संबंध में 28 अक्टूबर को प्रांतीय कमेटी की बैठक बुलाई जा रही है। इसमें इस संबंध में अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही 30 अन्य किसान संगठनों से भी विचार विमर्श किया जाएगा।
बैठक में प्रधान आरएस पठानिया, बबली ढिल्लों, संजीव मानसा, हरदीप सिंह, एस्सार कंपनी के डीलरों में तेजिदर सिंह मिड्डूखेड़ा, लोकेश गर्ग, सुखदेव कुमार, मोंटी बांसल, संजीव मित्तल, दविदर सिंह, दीवान चंद, जसपाल सिंह, जनक राज आदि पंजाब भर के डीलर मौजूद थे।