शहर में धड़ल्ले से चल रहा दड़ा-सट्टा व जुआ
शहर के अलावा रिफाइनरी के आसपास दड़ा-सट्टा का धंधा तेजी से फलफूल रहा है।
संसू, रामा मंडी : शहर के अलावा रिफाइनरी के आसपास दड़ा-सट्टा का धंधा तेजी से फलफूल रहा है। रातोंरात अमीर बनने के लालच में बड़ी संख्या में लोग दड़ा-सट्टे की दलदल में फंसते जा रहे हैं। इस मामले में पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं।
भारतीय किसान यूनियन लखोवाल के शहरी प्रधान सुनील कुमार काका ने कहा कि रिफाइनरी गेट के करीब लगभग पांच जुए के अड्डे चल रहे हैं। पुलिस चौकी पास होने पर भी इन लोगों को पुलिस का कोई डर नहीं है, जिससे एक बात साफ जाहिर होती है कि यह गैरकानूनी जुए के अड्डे या तो पुलिस के संरक्षण में चल रहे हैं या फिर राजनीतिक लोगों का हाथ इनके सिर पर है। उन्होंने कहा कि भोलेभाले मजदूरों को दस गुना पैसे देने का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया जा रहा है। रिफाइनरी गेट से कुछ दूरी पर चल रहे अड्डों को हटाने के लिए रिफाइनरी अधिकारी भी कुछ नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि सरकार कोई भी हो दड़ा-सट्टा और जुए का कारोबार करने वालों को इस बात की कोई चिता नहीं रहती। सेटिग होने के कारण इनका धंधा तो खूब फल फूल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस प्रशासन द्वारा दड़ा-सट्टा और जुए के कारोबारियों पर जल्द नकेल न डाली गई तो वह दिन दूर नहीं जब हमारा आने वाला भविष्य तबाह हो जाएगा। वहीं, रिक्शा चालक व मजदूर कड़कती गर्मी में काम करके अपनी खून-पसीने की कमाई का आधे से ज्यादा हिस्सा दड़े-सट्टे में गंवा कर चले जाते हैं, जिससे उनके परिवार वालों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ता है। इनके परिवार के सदस्य रात को घर में इंतजार करते हैं कि घर आएंगे और रोजमर्रा की खाने-पीने की वस्तुएं लाएंगे, मगर ये लोग तो सट्टे वालों के पास अपनी जेबें खाली करवाकर घर लौटते हैं। जब सट्टे का नंबर नहीं निकलता तो बची हुई राशि से शराब का सेवन कर अपना गम भुलाने की कोशिश करते हैं, यही सिलसिला फिर अगली सुबह फिर शुरू हो जाता है कि शायद आज हमारा नंबर आ जाएगा।
दड़ा-सट्टा लगवाने वालों पर करेंगे कार्रवाई : थाना मुखी
थाना मुखी लवप्रीत सिंह ने बताया की कुछ दिन पहले ही उनका तबादला यहां पर हुआ हैं और यह मामला अभी ही उनके ध्यान मे आया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का कोई भी गैरकानूनी कार्य वह अपने क्षेत्र में नही होने देंगे।