शुरू हुआ प्रोजेक्ट उड़ान, बच्चों का बढ़ेगा सामान्य ज्ञान
बठिडा सरकारी मिडल हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उड़ान प्रोजेक्ट फिर से शुरू कर दिया गया है। इसके तहत सभी विद्यार्थियों से जर्नल नॉलेज के सवाल पूछे जाएंगे। सहायक डायरेक्टर अकादमिक की ओर से सभी स्कूलों में नोटिफिकेशन भेज दिया गया है कि स्कूलों में उड़ान प्राजेक्ट फिर से शुरू किया जाए। वहीं शिक्षा विभाग का मानना है कि इसके तहत बच्चों का जर्नल नॉलेज में बढ़ावा होता है। गौर है कि इससे पहले विभाग की ओर से दो सत्र की प्रश्नावली पहले भी भेजी गई है। एक बार फिर इसकी यह दोबारा भेज दी गई है। यह प्रश्नावली स्कूल मुखियों को वेबसाइट पर डाउनलोड कर नोटिस बोर्ड पर चिपकानी होगी। इसके बाद सभी स्कूल मुखियों को बच्चों को इन प्रश्नों को हल करने के लिए प्रेरित करना होगा। सभी प्रश्नों का उत्तर बच्चों द्वारा दिया जाएगा।
संस, बठिडा : सरकारी मिडल, हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल में उड़ान प्रोजेक्ट फिर से शुरू कर दिया गया है। इसके तहत सभी विद्यार्थियों से जर्नल नॉलेज के सवाल पूछे जाएंगे। सहायक डायरेक्टर अकादमिक की ओर से सभी स्कूलों में नोटिफिकेशन भेज दिया गया है कि स्कूलों में उड़ान प्राजेक्ट फिर से शुरू किया जाए। वहीं शिक्षा विभाग का मानना है कि इसके तहत बच्चों का जर्नल नॉलेज में बढ़ावा होता है। गौर है कि इससे पहले विभाग की ओर से दो सत्र की प्रश्नावली पहले भी भेजी गई है। एक बार फिर इसकी यह दोबारा भेज दी गई है। यह प्रश्नावली स्कूल मुखियों को वेबसाइट पर डाउनलोड कर नोटिस बोर्ड पर चिपकानी होगी। इसके बाद सभी स्कूल मुखियों को बच्चों को इन प्रश्नों को हल करने के लिए प्रेरित करना होगा। सभी प्रश्नों का उत्तर बच्चों द्वारा दिया जाएगा। 2013 व 2014 में किया गया था लागू
उड़ान प्रोजेक्ट इससे पहले 2013 व 2014 लागू किया गया था। पहली बार इस प्रोग्राम की प्रश्नावली संगरूर के टीचर द्वारा तैयार की गई थी। इसके बाद इस प्रोग्राम को बंद कर दिया गया। अब यह दोबारा शुरू कर दिया गया है।
छठी से बारहवीं तक होगा लागू
उड़ान प्रोजेक्ट सिर्फ छठी से बारहवीं तक के बच्चों के लिए लागू किया जाएगा। इसके लिए आठवीं, नौवीं, दसवीं ग्यारहवीं व बारहवीं कक्षा के तीन ग्रुप बनाए जाएंगे। इसके तहत छठी से दसवीं तक के विद्यार्थियों का 60 प्रतिशत किताबों में व 40 प्रतिशत सामन्य ज्ञान से पूछा जाएगा।
सामन्य ज्ञान बढ़ाने के लिए शुरू किया गया प्रोजेक्ट
शिक्षा विभाग के अनुसार यह प्रोजेक्ट इसलिए लागू किया गया था क्योंकि प्राइवेट स्कूलों में विद्यार्थी किताबों से सामन्य ज्ञान सीखते थे। लेकिन सरकारी स्कूलों में संस्थानों की कमी होने के कारण सरकारी स्कूलों में उड़ान प्रोजेक्ट शुरू किया गया था।
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