ओपीडी में तीन घंटे ड्यूटी के लिए प्रोग्राम अफसरों को लिखित आदेश का इंतजार
राज्य के सिविल अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सेहत मंत्री ने चार दिन पहले एक लिखित आदेश जारी किए थे।
जागरण संवाददाता: राज्य के सिविल अस्पतालों में डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सेहत मंत्री ने चार दिन पहले एक लिखित आदेश जारी किए थे। इसमें सिविल सर्जन आफिस में बैठने वाले सभी प्रोग्राम अफसरों को सुबह नौ से 11 बजे तक अस्पताल की ओपीडी में अपनी सेवाएं देने के आदेश दिए गए। चार दिन बाद भी जिले के सरकारी अस्पताल में यह आदेश लागू नहीं हो पाए। इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि अब तक कोई लिखित आदेश नहीं आया है। हालांकि कुछ अफसरों ने अपने स्तर पर मरीजों की जांच शुरू कर दी है ताकि कोई शिकायत न कर दे।
दरअसल, आदेश दिए गए थे कि अपनी विशेषता के अनुसार सभी प्रोग्राम अफसर अपनी दफ्तरी कुर्सी छोड़कर ओपीडी में मरीजों का चेकअप करेंगे ताकि मरीजों को सेहत सुविधाएं मिल सकें। इसके बावजूद बठिडा सेहत विभाग के अधिकारियों को सेहत मंत्री के आदेशों की कोई परवाह नहीं है। आदेश जारी होने के चार दिन बाद भी कुछ सेहत अधिकारी विभाग की तरफ से उन्हें ई-मेल आने का इंतजार कर रहे हैं। उनका मानना है कि सेहत मंत्री का यह पत्र इंटरनेट मीडिया के जरिए उनके पास पहुंचा है। जबतक विभाग उन्हें ई-मेल के जरिए पत्र नहीं भेज देता, तब तक वह यह सिस्टम लागू नहीं कर पाएंगे। दूसरी तरफ सिविल अस्पताल के कुछ अफसरों ने ओपीडी के अलावा अपने आफिस में बैठकर मरीजों का चेकअप करना शुरू कर दिया है, ताकि भविष्य में कोई उनकी शिकायत न कर दे।
उधर, सहायक सिविल सर्जन डा. अनुपमा शर्मा का कहना है कि प्रोग्राम अफसरों को ओपीडी में मरीजों का चेकअप करने संबंधी सूचना जरूर मिली है, लेकिन अब तक उनके पास लिखित तौर पर विभागीय मेल नहीं आई है। लिखित सूचना मिलने के बाद ही रोस्टर बनाकर उसे लागू किया जाएगा। जिला टीकाकरण अफसर और डीएमसी कर रहे मरीजों का इलाज
जिला टीकाकरण अफसर डा. मीनाक्षी सिगला आंखों के रोग की विशेषज्ञ हैं। जिला टीकाकरण आफिसर बनने के बाद भी वह मरीजों का चेकअप अपने दफ्तर में करती रही हैं और अब भी कर रही हैं। हालांकि आदेश आने के बाद वह अब हररोज दो घंटे ओपीडी में जाकर मरीजों का चेकअप कर रही हैं। डिप्टी मेडिकल कमिश्नर डा. रमन सिगला एनेस्थिसिया के डाक्टर हैं, जिनका ओपीडी में कोई भी काम नहीं है। उनका काम सिर्फ आप्रेशन थिएटर में है। डा. रमन सिगला का कहना है कि आदेश आने के बाद वह हररोज सुबह नौ से 11 बजे तक ओटी में तैनात रहते हैं। इसके बाद वह अपने दफ्तरी काम करते हैं।