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गुरुघर में नतमस्तक हो मांगी कोरोना से मुक्ति

तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में तीन दिवसीय बैसाखी मेला मंगलवार को शुरू हो गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 05:31 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 05:31 AM (IST)
गुरुघर में नतमस्तक हो मांगी कोरोना से मुक्ति
गुरुघर में नतमस्तक हो मांगी कोरोना से मुक्ति

गुरजंट नथेहा तलवंडी साबो

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तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब में तीन दिवसीय बैसाखी मेला मंगलवार को शुरू हो गया। पहले दिन उमड़ी संगत ने पावन सरोवर में स्नान किया और गुरुघर में माथा टेककर जीवन में सुख-शांति और कोरोना महामारी से मुक्ति की कामना की। हालांकि कोरोना, किसान आंदोलन व गेहूं की कटाई के कारण गत वर्षों के मुकाबले संगत कम ही जुटी, लेकिन श्रद्धाभाव में कोई कमी नजर नहीं आई। वहीं खालसा साजना दिवस को लेकर बैसाखी पर सिख कौम के चौथे तख्त, तख्त श्री दमदमा साहिब में चल रहे चार दिवसीय जोड़ मेले के तीसरे दिन मंगलवार को मुख्य समागम हुए।

मेले के दौरान सबसे पहले तख्त साहिब में बीते तीन दिन से प्रकाश श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। अरदास तख्त साहिब के हैड ग्रंथी भाई गुरजंट सिंह ने की, जबकि श्री अकाल साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह विशेष तौर पर हाजिर थे। उन्होंने कौम को खालसा साजना दिवस की बधाई देते हुए गुरु के लड़ लगने की अपील की। मेले के दौरान सुबह से ही बड़ी संख्या में संगत ने पावर सरोवरों में स्नान किया और तख्त साहिब सहित अन्य गुरुद्वारा साहिबानों में माथा टेका। शिरोमणि अकाली दल की तरफ से भाई डल्ल सिंह दीवान हाल में धार्मिक दीवान सजाए गए, जहां श्री दरबार साहिब और तख्त साहिब के हजूरी रागी जत्थों ने शबद कीर्तन कर संगत को निहाल किया।

उधर गुरुद्वारा बुंगा मस्तूआना साहिब में बाबा छोटा सिंह और बाबा काका सिंह केबैसाखी जोड़ मेले में हजारों की संख्या में संगत नतमस्तक हुई। ढाडी दरबार सजाया और संगत को सिख इतिहास से अवगत करवाया गया। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल की अगुआई में लंगर गए। निहंग सिंहों की जत्थेबंदी शिरोमणि पंथ अकाली दल 96वें करोड़ी के मुख्य अस्थान गुरुद्वारा बेर साहिब देगसर में सिंह साहिब बाबा बलवीर सिंह की अगुआई में कविशरी दरबार के साथ-साथ धार्मिक सजाए गए। बुड्ढा दल की तरफ से गतके के मुकाबले भी करवाए गए। कोरोना के कारण संगत में आई कमी

कोरोना महामारी के चलते बैसाखी मेले में इस बार संगत कम गिनती में ही पहुंची। गत वर्षो में तख्त श्री दमदमा साहिब से करीब चार किलोमीटर दूर ही वाहनों को रोकना पड़ता था और वहां से लोग पैदल चल कर तख्त साहिब तक पहुंचते थे, लेकिन इस बार वाहन भी तख्त साहिब के काफी करीब तक पहुंच रहे थे। हालांकि प्रबंधकों की ओर से मेले में कोविड-19 की हिदायतों का पालन किया जा रहा है। सियासी कांफ्रेंस पर रोक, गांवों से कम पहुंचे लोग

बैसाखी मेले पर सियासी कांफ्रेंस न होना भी लोगों के कम आने का एक कारण है। पहले के मेलों में सभी राजनीतिक दल अपना-अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए गांवों में बसें भेजा करते थे, लेकिन इस बार कोई भी बस किसी भी व्यक्ति को लेने के लिए गांवों में नही गई। इस कारण भी गांवों से लोग कम आए हैं। आंदोलन के कारण दिल्ली गए हुए हैं किसान

दिल्ली में किसान आंदोलन पर भी पंजाब से काफी किसान गए हुए हैं। कोरोना के इस बार मेले में विदेशों से पंजाबी भी नहीं पहुंच पाए। इस बार गेहूं की फसल पिछले वर्षों के मुकाबले जल्द पक गई है। गेहूं की कटाई का काम शुरू हो चुका है। इसलिए किसान खेतों में व्यस्त हैं, जिस कारण मेले में उनकी संख्या भी कम ही है।


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