रिश्वत मामले में सस्पेंड एएसआइ की जमानत याचिका खारिज
सीआईए स्टाफ के सस्पेंड एएसआइ रवनीत रवि की अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है।
जागरण संवाददाता, बठिडा : 5.80 लाख रुपये की रिश्वत लेकर नशा तस्कर के छोड़ने के मामले का सामना कर रहे सीआईए स्टाफ के सस्पेंड एएसआइ रवनीत रवि की अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। थाना थर्मल पुलिस ने बीती 30 अगस्त को एएसआई रवनीत समेत दो हवलदारों कुलविदर सिंह व गुरपाल सिंह के खिलाफ करप्शन एक्ट की धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। बीते मंगलवार को एडिशनल सेशन जज की अदालत ने उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अब रवनीत को पंजाब एवं हरियाणा की शरण में पहुंच करनी पड़ेगी।
गौरतलब है कि सीआइए स्टाफ ने गांव जंगीराना के अकाली नेता भोला सिंह के पुत्र कुलदीप सिंह पर नशा तस्करी का इसलिए झूठा केस दर्ज कर लिया था कि उसने पुलिस की ओर से किसी नशा तस्कर को छोड़ने के बदले में ली गई 5.80 लाख रुपये की रिश्वत की बात किसी के पास कर दी थी। भोला सिंह ने बताया कि बीते मई माह में सीआईए स्टाफ पुलिस ने बलतेज सिंह वासी देसू तथा उसके एक साथी को चिट्टे के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में रणजीत सिंह निवासी प्योरी का नाम भी आ गया था। पुलिस मुलाजिम गुरपाल सिंह ने उसके पुत्र कुलदीप के साथ जान पहचान होने के कारण उसे कहा था कि वह रणजीत सिंह को साथ लेकर उसके दफतर आएं। अगले दिन रणजीत सिंह पुलिस मुलाजिम गुरपाल सिंह के पास उसके दफ्तर पहुंच गया था। जहां हवलदार गुरपाल, हवलदार कुलविदर सिंह तथा एएसआइ रवनीत सिंह ने रणजीत को छोड़ने के बदले एसएसपी के नाम पर 5.80 लाख रुपये कथित रूप में ले लिए। यह बात कुलदीप सिंह ने किसी के पास कर दी। रिश्वत की इस बात से खफा पुलिस ने उसके बेटे कुलदीप को नशा तस्करी के झूठे केस में फंसा दिया। तत्कालीन आईजी एमएफ फारूकी के आदेश पर पुलिस ने उक्त तीनों पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ रिश्वत लेने का मामला दर्ज कर उन्हें सस्पेंड कर दिया था।
पुलिस मुलाजिम को गिरफ्तार करने की मांग
पीड़ित नौजवान कुलदीप के पिता भोला सिंह ने कहा कि बेशक पुलिस मुलाजिमों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया है। लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। पुलिस ने अभी तक उसके पुत्र पर दर्ज झूठा केस भी रद नहीं किया है। मामला पुलिस मुलाजिमों के साथ जुड़ा होने के कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। भोला सिंह ने उसके बेटे पर दर्ज केस रद करने तथा उक्त तीनों आरोपित पुलिस कर्मचारियों को गिरफ्तार करने की उच्चाधिकारियों से मांग की है।