योग व मेडिटेशन कर तनाव मुक्त रहे : डॉ. हरमीत सिंह
मरीज व उनके परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जासं, बठिडा : सिविल अस्पताल के डॉ. हरमीत सिंह का कहना है कि कोरोना की पुष्टि होने के बाद मरीज व उनके परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सांस लेने में दिक्कत के अलावा अन्य लक्षणों की वजह से मरीज मानसिक तनाव का शिकार हो जाते है। नतीजतन मरीज व परिजनों का मनोबल टूटने लगता है और बीमारी से लड़ने की क्षमता भी कम होने लगती हैं। मरीज को बिना किसी तनाव के और व्यस्त रहना चाहिए। योग व मेडिटेशन कर तनाव मुक्त रहे। दिन भर किताबें पढ़े और टीवी पर विभिन्न प्रकार के प्रोग्राम देखें। मास्क जरूर पहनें। हाथों को बार-बार सैनिटाइज करें। बुजुर्गों का खास ख्याल रखें। यदि बुखार, खांसी या जुकाम की शिकायत है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें। कोरोना के कई मामलों में इंसान के सूंघने की शक्ति चली जाती है। इसे हल्के में न लें।
उधर, पतंजलि योग समिति के अध्यक्ष व योग टीचर विजेंद्र शर्मा ने बताया कि अर्ध मस्तेंद्रासन का योग में विशेष स्थान है। यह आसन मानसिक शक्ति को बढ़ाने के साथ साथ विभिन्न रोगों से लड़ने की शक्ति में वृद्धि करते हुए शरीर को स्वस्थ्य रखता है। अर्ध मस्तेंद्रासन शुगर के रोगियों के लिए वरदान है वहीं यह रीढ़ की हड्डी को भी लचीला और मजबूत बनाता है। मस्तेंद्रासन ध्यान योग के लिए भी महत्वपूर्ण है। कहा जाता है कि मस्तेंद्र ऋषि इस आसन में साधना किया करते थे। यह आसन शरीर की जकड़न को ठीक करता है। टांगों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। सांस की बीमारियों से मुक्ति दिलाता है। गर्दन के दर्द और अकड़ाव से राहत पहुंचाता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। पेट की गैस और पेट में खट्टापन बनने से मुक्ति दिलाता है।