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एलईडी प्रोजेक्ट को निकाय विभाग की मंजूरी, अब एफएंडसीसी का इंतजार

एलईडी प्रोजेक्ट इस बार दीवाली के बाद पूरा होता नजर आ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 07:13 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 06:31 AM (IST)
एलईडी प्रोजेक्ट को निकाय विभाग की मंजूरी, अब एफएंडसीसी का इंतजार
एलईडी प्रोजेक्ट को निकाय विभाग की मंजूरी, अब एफएंडसीसी का इंतजार

नितिन सिगला, बठिडा : एलईडी प्रोजेक्ट इस बार दीवाली के बाद पूरा होता नजर आ रहा है। टेक्नीकल व फाइनेंशियल बिड खुलने के बाद स्थानीय निकाय विभाग के चीफ इंजीनियर ने भी प्रोजेक्ट की हरी झंडी दे दी। विभाग से मंजूरी मिलने के बाद निगम अधिकारियों ने अब ओर देरी न करते हुए प्रोजेक्ट की आखिरी मंजूरी के लिए निगम की एफएंडसीसी कमेटी के पास भेज दिया है। ऐसे में आगामी 29 अक्टूबर की दोपहर 12 बजे होने वाली फाइनांस एंड कांट्रैक्ट कमेटी (एफएंडसीसी) ने इस प्रोजेक्ट को पास करती है तो जल्द ही इसका वर्कऑर्डर जारी कर काम शुरू करवाया जाएगा। यह एलईडी प्रोजेक्ट पूर्व चार सालों से अधर में लटक रहा था। 15.30 करोड़ रुपये वाले इस प्रोजेक्ट पर पूरी रकम निगम द्वारा खर्च की जाएगी। इसमें आधी रकम एलईडी तब्दील होने के बाद कंपनी को जारी की जाएगी, जबकि बाकी पचास फीसद रकम आठ सालों में किश्तों के रूप में अदा की जाएगी। जिस कंपनी को यह प्रोजेक्ट सौंपा जाएगा, वह आठ साल तक इसकी मेंटीनेंस का काम भी करेगी। बताया जा रहा है कि आगामी छह माह से एक साल के भीतर यह प्रोजेक्ट पूरा होगा। इस प्रोजेक्ट के पूरे होने पर निगम को बिजली बिल में काफी बचत होगी। गौरतलब है कि शहर के परंपरागत स्ट्रीट लाइट सिस्टम को एलईडी में तब्दील करने के लिए करीब दो माह पहले बठिडा निगम ने एक टेंडर जारी किया था, जिसमें तीन कंपनियां पेनासॉनिक, एचपीएल और व्हाइट प्लेकार्ड ने टेंडर भरा था। तीन कंपनियों द्वारा प्रोजेक्ट में दिलचस्पी दिखाई जाने के बाद निगम ने बीते दिनों टेक्नीकल व फाइनेंशियल बिड खोली थी। फाइनेंशियल बिड खुलने के साथ ही तीनों कंपनियों के रेट सामने आए थे। निगम ने सबसे कम रेट की मंजूरी के लिए फाइल स्थानीय निकाय विभाग के चीफ सेक्रेटरी की अगुवाई वाली कमेटी के पास भेजी थी। विभाग के चीफ इंजीनियर ने पेनासॉनिक कंपनी के सबसे कम रेट को मंजूरी दी है। अब निगम ने फाइल को अंतिम मंजूरी के लिए एफएंडसीसी के पास भेजा है। शहर में 23254 स्ट्रीट लाइट प्वाइंट्स निगम की स्ट्रीट लाइट ब्रांच के अनुसार शहर में कुल 23,254 स्ट्रीट लाइट के प्वाइंट हैं। इन सभी स्थानों पर लगी हुई परंपरागत लाइट्स को एलईडी में तब्दील किया जाएगा। जिस पर करीब साढ़े 15.30 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। शहर में इस समय 23,254 स्ट्रीट लाइट प्वाइंट हैं जिन पर इस समय परंपरागत लाइट चल रही हैं। लेकिन अब इनके स्थान पर एलईडी लाइट्स लगाई जाएंगी। रात के समय शहर में दूधिया रोशनी से जगमगाता हुआ नजर आएगा। हालांकि, निगम पहले ईएसको (एनर्जी सेविग कंपनीज) मोड के तहत कंपनी से एलईडी लगवाने की योजना थी। इसे किसी कंपनी को आठ साल के ठेके पर दिया जाना था। इस पर खर्च होने वाली पूरी राशि कंपनी ने करनी थी। निगम ने बिजली बिल पर खर्च होने वाली राशि कंपनी को देनी थी। कंपनी ने बिजली बिल में बचत का कुछ हिस्सा निगम को देना था। लेकिन इस तरह से निगम को अपनी राशि आठ वर्षों में रिकवर होनी थी और इसके बाद ही इसका प्रबंध उसके अपने हाथों में आना था। परंतु अब निगम ईपीसी (एनर्जी परफॉर्मेंस कंपनीज) मोड तहत यह काम खुद ही पूरी राशि खर्च कर करवाएगा। इस तरह से प्रोजेक्ट की पूरी राशि उसे ढाई साल में रिकवर हो जाएगी। निगम को सवा 15 करोड़ के इस प्रोजेक्ट पर एक बार में साढ़े छह करोड़ ही खर्च करने पड़ेंगे। बाकी की अदायगी उसने किश्तों में करनी है। स्ट्रीट लाइट के बिल से होगी तीन करोड़ की बचत

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नगर निगम इस समय शहर की केवल स्ट्रीट लाइट का करीब छह करोड़ रुपये वार्षिक बिजली बिल का भुगतान करता है। लेकिन तमाम प्वाइंटस के एलईडी में तब्दील हो जाने के बाद यह खर्च केवल तीन करोड़ रुपये रह जाएगा। निगम की ओर से यह प्रोजेक्ट राज्य सरकार की ग्रांट की उम्मीद पर नहीं बल्कि खुद ही लोन लेकर अंजाम तक पहुंचाने जा रहा है। वैसे निगम को अब पावरकॉम से दो फीसद बिजली बिलों से सेस भी मिलने लगा है। निगम को एक माह में 35 लाख रुपये के करीब बिजली सेस हासिल हो रहा है। एलईडी प्रोजेक्ट पर निगम की ओर से बिजली सेस की राशि भी खर्च की जा सकती है। प्रोजेक्ट से 62 प्रतिशत बिजली

की बचत होगी : एसडीओ

निगम के एसडीओ नीरज गर्ग का कहना है कि टेंडर के रेट को विभाग से मंजूरी मिलने के बाद उसे एफएंडसीसी के पास भेज दिया गया है। सबसे कम रेट वाली कंपनी को टेंडर का वर्कऑर्डर जारी करने के लिए कमेटी से सिफारिश की गई है। अगर कमेटी इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देती है तो जल्द कंपनी को वर्कऑर्डर जारी कर काम शुरू करवाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से 62 प्रतिशत बिजली की बचत होगी, जबकि एलईडी की लाइफ ज्यादा होने के चलते उन्हें हर साल खर्च होने वाले एक करोड़ रुपये के बजट से भी राहत मिलेगी। बिजली की बचत के साथ साथ इससे तीन करोड़ रुपये से भी अधिक भी बचत होगी।


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