1000 गायों की मौत की जांच के आदेश
जिला प्रशासन की ओर गांव हररायपुर में चलाई जा रही गोशाला में एक हजार के करीब गोवंश के भूख तथा बीमारी के कारण मौत होने के मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
संवाद सहयोगी, ब¨ठडा : जिला प्रशासन की ओर गांव हररायपुर में चलाई जा रही गोशाला में एक हजार के करीब गोवंश के भूख तथा बीमारी के कारण मौत होने के मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसकी शिकायत पर सख्ती दिखाते हुए एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने पंजाब के एनिमल हसबेंड्री विभाग डायरेक्टर को जांच के आदेश देते हुए तीन दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है।
इस संबंध में समाजसेवी संस्था नौजवान वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष सोनू माहेश्वरी ने शिकायत दी थी। उन्होंने कहा कि साल 2016 में जिला प्रशासन ने ब¨ठडा शहर की सड़कों पर घूमने वाले 1158 गोवंश को पकड़ कर गांव हररायपुर गोशाला में भेजा था। इस गोशाला की देखरेख के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक विशेष कमेटी बनाई गई थी। इसके द्वारा गोशाला की देखभाल की जिम्मेवारी ली गई, लेकिन पिछले दो सालों में ही एक हजार से ज्यादा गोवंश की भूख तथा बीमारी के कारण मौत हो गई। वर्तमान में उक्त गोशाला में गोवंश की संख्या मात्र 134 ही रह गई है। प्रशासन तथा गोशाला कमेटी द्वारा गोवंश के लिए पर्याप्त उपचार तथा खाने-पीने की व्यवस्था न करने का कारण ही इतनी बड़ी संख्या में गोवंश की मौत हुई। इस गंभीर मामले संबंधी संस्था द्वारा एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया को शिकायत भेजी गई थी। शिकायत पर कड़ा संज्ञान लेते हुए एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने इसे गंभीर मामले को प्रवेंशन ऑफ क्रयूलिटी टू एनिमल्ज एक्ट (1960) के सेक्शन 3, 11(3)ए का उल्लंघन बताते हुए पंजाब एनिमल हसबेंड्री विभाग के डायरेक्टर को तीन दिन में जांच कर रिपोर्ट बोर्ड को पेश करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। बोर्ड की ओर से इस मामले संबंधी सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए केस (एडब्लयूबीआई बनाम ए.नागाराजन) के आदेशों का उल्लंघन भी बताया गया है।