एक शादी ऐसी भी... विवाह स्थल पर किताबों का स्टॉल, डीजे की जगह नशे पर कटाक्ष करता नाटक
बठिंडा में हुई एक शादी अपने आप में अनूठी रही। यहां न तो चकाचौंध थी और न डीजे का शोर-शराबा। विवाह स्थल पर किताबों का स्टॉल लगा हुआ था।
बठिंडा [साहिल गर्ग]। यूं तो पंजाब में शादियां पूरे शानो-शौकत से की जाती हैं, मगर बठिंडा में हुई एक शादी अपने आप में अनूठी रही। यहां न तो चकाचौंध थी और न डीजे का शोर-शराबा। विवाह स्थल पर किताबों का स्टॉल लगा हुआ था, जहां से दूल्हा और दुल्हन ने आठ किताबें खरीदीं। साथ ही नशे पर कटाक्ष करता एक नाटक भी पेश किया गया। इसके अलावा शादी में दहेज भी नहीं लिया गया।
बठिंडा के गांव मेहता की लड़की परमिंदर कौर पुत्री जगजीत सिंह की शादी बरनाला के युवक परमिंदर सिंह पुत्र अवतार सिंह के साथ हुई। इसके लिए गांव गहरी बुट्टर के मैरिज पैलेस में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दूल्हा परमिंदर सिंह बरनाला में लोक निर्माण विभाग में क्लर्क के पद पर तैनात है। दुल्हन के पिता जगजीत सिंह पावरकॉम में कार्यरत होने के साथ टेक्निकल सर्विस यूनियन का नेता भी हैंं। लड़का ग्रेेजुएशन तक की पढ़ाई कर चुका है तो लड़की पोस्ट ग्रेेजुएट है।
डीजे की जगह नाटकों की प्रस्तुति
परमिंदर सिंह पहले अपने रिश्तेदारों को भी सादे ढंग से शादी के लिए प्रेरित करता था लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। अब परमिंदर ने अपनी शादी से लोगों को सादे ढंग से विवाह करने का संदेश दिया है। शादी के समय किसी भी प्रकार का डीजे व ऑरकेस्ट्रा नहीं लगाया गया। इसकी जगह पर कीर्ति किरपाल की टीम द्वारा दो नाटक पेश किए गए। एक नाटक आज के समय की राजनीति पर चोट करता, तो वहीं दूसरा नाटक नशे के खिलाफ जागरूक करने के मकसद से पेश किया गया।
दूल्हा-दुल्हन ने खरीदी किताबें
इस शादी में तर्कशील सोसायटी बठिंडा की ओर से मास्टर ज्ञान सिंह, रणधीर सिंह व सुखविंदरपाल विर्क की अगुआई में किताबों की स्टाल भी लगाए गए। शादी के दौरान दूल्हा-दुल्हन ने किताबों की खरीदारी भी की।
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