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चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए 300 से ज्यादा कर्मियों ने किया आवेदन

लोकसभा चुनाव को एक महीना रह गया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 05:43 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 06:21 AM (IST)
चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए 300 से ज्यादा कर्मियों ने किया आवेदन
चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए 300 से ज्यादा कर्मियों ने किया आवेदन

जासं, बठिडा : लोकसभा चुनाव को एक महीना रह गया है। राजनीतिक पार्टियों के साथ साथ प्रशासनिक अधिकारियों ने भी चुनाव संपन्न करवाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए जिले में सर्विलेंस व फ्लाइंग स्कवायड टीमों का गठन करने के अलावा पोलिग बूथों पर ड्यूटी करने वाले स्टाफ की लिस्ट को भी तैयार कर पहली रिहर्सल करवाने की तैयारी की जा रही है। इसके चलते चुनाव में ड्यूटी कटवाने के लिए स्टाफ ने अभी से ही बहाने लगाने शुरू कर दिए हैं और अभी तक प्रशासन के पास 300 से ज्यादा आवेदन आ गए हैं। मगर इस बार उनको सबसे ज्यादा लगाया जाने वाला मेडिकल का बहाना नहीं चल पाएगा, क्योंकि मेडिकल के आधार पर सिर्फ उसी की ड्यूटी काटी जाएगी, जो जिला प्रशासन द्वारा गठित किए गए मेडिकल बोर्ड की मंजूरी के बाद सिविल सर्जन से लिखवा कर आएगा। इसके लिए कोई रसूख रखने वाले राजनीतिक नेताओं के पास सिफारिश करवा रहा है तो कोई उच्च पद के अधिकारियों से सिफारिश करवा रहा है। जबकि सभी ड्यूटी कटवाने वाले पहली ट्रेनिग से पहले ही इसको पूरा करवाना चाहते हैं।

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जिले में 4500 के करीब मुलाजिमों की लगती है ड्यूटी

लोकसभा हलका बठिडा में 1728 पोलिग बूथ हैं, जिनमें बठिडा, मानसा व मुक्तसर जिले के पोलिग बूथ भी शामिल हैं। मगर अकेले बठिडा जिले में ही एक हजार से ज्यादा पोलिग बूथ बनाए जाएंगे, जहां पर 4500 के करीब चुनाव स्टाफ के सदस्यों की ड्यूटी लगाई जाएगी। जिनमें सरकारी विभागों के मुलाजिमों के अलावा अध्यापकों को भी शामिल किया जाता है। जबकि ड्यूटी कटवाने वालों में सबसे ज्यादा गिनती अध्यापकों की होती है। वहीं ड्यूटी कटवाने के पीछे स्टाफ का यह कहना होता है कि कई बार पोलिग बूथों पर झड़प हो जाती है, जिसके कारण उनको डर ही लगा रहता है।

शादी वाले दिन ही मिलेगी छुट्टी

चुनाव में ड्यूटी करने वाले स्टाफ की पहले लिस्ट तैयार होती है, जिसके बाद ही उनको ट्रेनिग दी जाती है। पहली ट्रेनिग में सभी शामिल होकर हाजिरी लगा देते हैं, जबकि दूसरी ट्रेनिग से पहले ही ड्यूटी कटवाने वालों की दफ्तरों में होड़ लगनी शुरू हो जाती है। क्योंकि जिसकी दूसरी ट्रेनिग हो जाती है उसको चुनाव में ड्यूटी करनी पड़ती है। वहीं तीसरी ट्रेनिग में स्टाफ को चुनाव सामग्री के साथ पोलिग बूथों के लिए रवाना किया जाता है। मगर चुनावों के दौरान ड्यूटी करने वाले स्टाफ में से अगर किसी की शादी है या उनके परिवार में किसी की शादी है तो उनको सिर्फ शादी वाले दिन ही छूट मिलेगी। जबकि 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 40 मुलाजिमों को सिर्फ शादी वाले दिन ही छुट्टी मिली थी।


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