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कर्ज मुक्ति को लेकर भाकियू ने शुरू किया पांच दिवसीय संघर्ष

जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : कर्ज से मुक्ति और खुदकशियां रोकने के लिए भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 Jan 2018 01:02 AM (IST)Updated: Tue, 23 Jan 2018 01:02 AM (IST)
कर्ज मुक्ति को लेकर भाकियू ने शुरू किया पांच दिवसीय संघर्ष
कर्ज मुक्ति को लेकर भाकियू ने शुरू किया पांच दिवसीय संघर्ष

जागरण संवाददाता, ब¨ठडा : कर्ज से मुक्ति और खुदकशियां रोकने के लिए भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) ने सोमवार से डीसी दफ्तर के समक्ष पांच दिवसीय संघर्ष शुरू कर दिया है। प्रांतीय कमेटी के आहवान के तहत मिनी सचिवालय के सामने अंबेडकर पार्क में शुरू किए गए इस धरने के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों ने समूह छोटे किसानों का समूचा कर्ज माफ करने की मांग की। इस दौरान उन्होंने शीघ्र ही मांगें पूरी न होने पर सरकार के खिलाफ अपने संघर्ष को और भी ज्यादा तेज करने की चेतावनी दी है।

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भाकियू के प्रांतीय वरिष्ठ उप प्रधान झंडा ¨सह जेठूके एवं जिला प्रधान ¨शगारा ¨सह मान ने कहा कि देश की सरकारों ने साम्राज्यवादी एवं कारपोरेट संस्थाओं के पक्ष के कृषि मॉडल को लागू करने जहां देसी विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों, बड़े व्यापारियों व सूदखोरों को मालामाल कर दिया है, वहीं देश के अन्नदाता किसान को कर्ज, कंगाली और बीमारियों की दलदल में धकेल दिया है। कर्ज का दैत्य किसानों की जमीनों और जानों को निगल रहा है। पंजाब जैसे कृषि प्रधान सूबे के अंदर कई किसान-मजदूर कर्ज और आर्थिक तंगियों के चलते हर रोज मौत के मुंह में जा रहे हैं। किसानों की चिताओं पर राजनेता सियासत कर रहे हैं। कर्जा कुर्की खत्म-फसल की पूरी रकम के नारे के साथ सत्ता की कुर्सी पर बैठने वाली कैप्टन अम¨रदर ¨सह सरकार अब अपने वादों से भाग रही है। समूचे कर्ज को माफ करने के वादे के विपरीत ढाई और पांच एकड़ के किसानों के मात्र दो लाख रुपये के कर्ज को ही माफ करने की बात कर रही है। जबकि पांच एकड़ की मालिकी वाले 100 किसानों में से मात्र पांच प्रतिशत किसान ही दो लाख रुपये के कर्ज वाले हैं, 95 प्रतिशत किसान दस लाख रुपये तक के कर्जदार हैं। उन्होंने किसानों का समूचा कर्ज माफ करने, खुदकशी कर चुके किसानों के परिवार को दस लाख रुपये मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, बेरोजगारों को रोजगार देने, जमीनों पर काबिज किसानों को मालकी के हक देने, ट्रैक्टर समेत खेती औजारों पर लगाया जीएसटी वापस लेने सहित अन्य मांगों को पूरा करने की मांग की। इस मौके पर मोठू ¨सह कोटड़ा, जगजीत ¨सह भूंदड़, ह¨रदर ¨बदू, कर्मजीत कौर, हरप्रीत कौर, सुखप्रीत कौर, मनजीत ¨सह, सुखदेव ¨सह, बसंत ¨सह, जसवीर ¨सह आदि ने भी संबोधित किया।


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