85 बच्चों को नासा भेजने के नाम पर 1.28 करोड़ ठगने वाले चार लोगों पर केस
स्टारिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर दंपती समेत चार लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।
जासं, बठिडा : सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल के 85 विद्यार्थियों को अमेरिका के नासा में एजुकेशनल टूर के नाम पर एक करोड़ 28 लाख 50 हजार रुपये की ठगी करने वाली दिल्ली की स्टारिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर दंपती समेत चार लोगों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। थाना सिविल लाइन पुलिस ने यह कार्रवाई स्कूल प्रिसिपल की शिकायत के आधार पर की है।
करीब एक साल पहले स्कूल प्रबंधकों ने 85 के करीब विद्यार्थियों को नासा भेजने के नाम पर उनसे करीब 1.27 करोड़ रुपये एकत्र किए थे। पैसे लेने के बाद भी बच्चों को नासा नहीं ले जाने पर बीते माह अभिभावकों ने स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ धरना दिया था। वहीं डिप्टी कमिश्नर व एसएसपी बठिडा को शिकायत देकर स्कूल मैनेजमेंट से उनके पैसे वापस करवाने और उनके खिलाफ बनती कार्रवाई करने की मांग उठाई थी। इसके बाद अभिभावाकों की मांग पर प्रशासन ने मामले में कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
पुलिस को शिकायत देकर सेंट जोसफ कान्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रिंसिपल सिस्टर वीना डिसूजा ने बताया कि उनके स्कूल की तरफ से हर साल बच्चों को एजुकेशनल टूर देश-विदेश ले जाने का प्रबंध किया जाता है। उनके स्कूल के बच्चे पहले भी नासा (अमेरिका), सिगापुर, मलेशिया व दुबई आदि जा चुके है। नवंबर 2018 में स्टारिक प्राइवेट कंपनी के डायरेक्टर मनमोहन सिंह, उसकी पत्नी रमनीत कौर, कर्मचारी विजय कुमार, सचिव मिस परलीन वासी अंतरिक्ष भवन, कस्तूरबा गांधी मार्ग कनाट पैलेस, नई दिल्ली उनके पास स्कूल आए और स्कूल की मैनेजमेंट से विद्यार्थियों का टूर नासा (यूएसए) लेकर जाने का प्रस्ताव पेश किया। कंपनी ने उन्हें नासा का सौ प्रतिशत वीजा लगवाने की गांरटी दी। उन्होंने भरोसा दिया कि पूरे ग्रुप में अगर किसी भी बच्चे का वीजा रिफूज हुआ तो वह 25 हजार कंपनी का खर्च काटकर बाकी पूरी पेमेंट वापस कर देंगे। इसके तहत आरोपितों ने प्रति बच्चे से 2.50 लाख रुपये खर्च की बात बताई। प्रिसिपल ने बताया कि कंपनी से बातचीत करने के बाद उन्होंने नवंबर 2018 में बच्चों के अभिभावकों से कंपनी के अधिकारियों की मीटिग करवाई। इसमें कंपनी के मनमोहन सिंह ने अभिभवाकों को भरोसा दिलाया कि वह 100 प्रतिशत नासा का वीजा लगवाकर देंगे। उन्होंने अभिभावकों को 2.49 हजार रुपये तीन किश्तों में देने की बात कहीं। इसे बाद बच्चों के अभिभावकों द्वारा टूर के लिए सहमति देने के बाद ही स्कूल मैनेजमेंट ने टूर भेजने के लिए सहमति दी। सात जुलाई 2019 को आरोपित मनमोहन सिंह व विजय कुमार स्कूल आए। 57 बच्चों की पहली किश्त नकद व चेक लेकर चले गए, जबकि 12 फरवरी 2019 को आरोपित मनमोहन सिंह दोबारा आया और 84 बच्चों की दूसरी किश्त दे दी। आरोपित मनमोहन सिंह ने अप्रैल 2019 स्कूल को एग्रीमेंट, एनओसी फार्म व स्वाघोषणा पत्र बच्चों से हस्ताक्षर करने के लिए दिए, जोकि अभिभावकों ने हस्ताक्षर कर उन्हें दे दिए। पैसे लेने के बाद आरोपित मनमोहन सिंह ने कहा कि अमेरिका में मौसम ठीक नहीं है, इसलिए वह टूर सितंबर 2019 में लेकर जाएगा। आरोपित ने सभी बच्चों के घर एक पत्र भेजकर उनके अभिभवाकों से टूर की तारीख बदलने की सहमति मांगी। कंपनी के पास पहले से 1.50 लाख रुपये जमा होने के कारण उन्होंने टूर की तारीख बदलने की सहमति देनी पड़ी। 85 बच्चों को वीजा लगवाने के लिए तीन ग्रुप में बांटा गया। पहले ग्रुप में 35 बच्चों व टीचरों को 13 जून 2019 को दिल्ली में स्थित यूएसए की एंबेसी में बुलाया गया। जहां पर एंबेसी ने कंपनी का नाम देखकर बिना इंटरव्यू लिए उनका वीजा रिजेक्ट कर दिया।
प्रिसिपल ने बताया कि कंपनी ने 84 बच्चों से 1.50 लाख रुपये और एक बच्चे से 2.50 लाख रुपये लेकर समेत 1 करोड़ 28 लाख 50 हजार रुपये की ठगी की। पैसे लेने के बाद न कंपनी ने पैसे वापस किए और नहीं बच्चों को टूर पर भेजा। पुलिस ने मामले की पड़ताल करने के बाद कंपनी के डायरेक्टर मनमोहन सिंह, उसकी पत्नी रमनीत कौर, कर्मचारी विजय कुमार, सचिव मिस परलीन वासी अंतरक्षिक भवन, कसतूरबा गांधी मार्ग कनाट पैलेस नई दिल्ली के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस का कहना है आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।