Move to Jagran APP

बेटियां भी कम नहीं..., बरनाला में परिवार आर्थिक संकट में आया तो छात्रा चलाने लगी ई-रिक्शा

बरनाला में एक परिवार पर आर्थिक संकट आया तो बेटी ने खुद मोर्चा संभाला। उसने ई रिक्शा चलाकर परिवार को फिर से खड़ा किया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 03:05 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 03:05 PM (IST)
बेटियां भी कम नहीं..., बरनाला में परिवार आर्थिक संकट में आया तो छात्रा चलाने लगी ई-रिक्शा
बेटियां भी कम नहीं..., बरनाला में परिवार आर्थिक संकट में आया तो छात्रा चलाने लगी ई-रिक्शा

जेएनएन, बरनाला। बेटियां अगर ठान लें तो कुछ भी कर सकती हैं। आज बेटियां हर क्षेत्र में आगे निकल रही हैं। बेटियां अपने परिवार में बेटों की जिम्मेदारी भी अपने कंधोंं पर उठा रही हैं। ऐसे ही एक उदाहरण बनी जंडा वाला रोड निवासी  छात्रा शालू रानी है, जो परिवार में आए आर्थिक संकट व लॉकडाउन में घर का गुजारा चलाने के लिए ई-रिक्शा चला घर का गुजारा चला रही हैं। शालू रानी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल संधू पत्ती में 12वीं की छात्रा है। 

loksabha election banner

दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए शालू रानी ने बताया कि उसके पिता दिव्यांग हैंं। वह चलने फिरने में असमर्थ हैंं। वहीं उसकी मां गोशाला के आगे हरा चारा बेच कर घर का गुजारा चलाती है। उसके घर में उसकी एक छोटी बहन व एक भाई है। उसका भाई ई-रिक्शा चला खुद का गुजारा कर रहा है। लॉकडाउन में परिवार पर आर्थिक संकट आ गया। ई-रिक्शा की सात हजार रुपये की किश्त भरनी उनके लिए मुश्किल हो गई। 

बकौल शालू परिवार को आर्थिक संकट से निकालने के लिए उसने खुद ई रिक्शा चलाना सीखा। वह रोजाना ई-रिक्शा चलाकर होने वाली आमदनी से घर का गुजारा चला माता पिता का सहयोग कर रही है। उसने बताया कि ई-रिक्शा से 400 से 500 रुपयेे की आमदनी हो जाती है, जिससे दिन का होने वाला खर्च निकल जाता है। इसके साथ वह 12वीं कक्षा में पढ़ रही है। वही अपने पिता के इलाज के लिए दवा जुटा रही है।

शालू रानी ने बताया कि उसके रिक्शा में महिलाएं व युवतियां ज्यादा सफर करना पसंद करती है, क्योंकि ई-रिक्शा चलाने वाली वह जिले की दूसरी महिला है। इससे महिलाओं को सफर करने में सुरक्षा महसूस होती है, वहीं उसको सवारियां मिल जाती हैंं। वह प्रशासन से मांग करती है कि उसको मदद दी जाए, जिससे वह पढ़ लिखकर अच्छी अधिकारी बन घर का गुजारा चला सकें।

वहीं, सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल संधू पत्ती के प्रिंसीपल डॉक्टर आरपी सिंह का कहना है कि उक्त छात्रा बहुत ही सराहनीय काम कर रही है। ऐसे शिक्षा के साथ घर के काम में हाथ बंंटाना बहुत ही अच्छी बात है। उनकी तरफ से शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन से छात्रा को उच्च रोजगार प्रदान करने के लिए हरसंभ‌व प्रयास किया जाएगा। एडीसी आदित्य का कहना है कि उक्त छात्रा रोजगार दफ्तर में अपना नाम दर्ज करवाएं, ताकि योजना के मुताबिक रोजगार दिया जा सके। उन्होंंने कहा कि बेरोजगार युवा युवतियां रोजगार दफ्तर में अपना नाम दर्ज जरूर करवाएं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.