चार दिन बाद खिली धूप से लौटी रोनक, किसानों के चेहरे खिले
तीन दिनों की कूदरती आपदां के बाद सुबह चार दिन बाद खिली धूप से लौटी रोनक, किसानों के चेहरे खिलेतीन दिनों की कूदरती आपदां के बाद सुबह चार दिन बाद खिली धूप से लौटी रोनक, किसानों के चेहरे खिलेतीन दिनों की कूदरती आपदां के बाद सुबह चार दिन बाद खिली धूप से लौटी रोनक, किसानों के चेहरे खिले
संवाद सहयोगी, बरनाला : शुक्रवार को मौसम विभाग की भविष्यवाणी ने जहां किसानों को घोर ¨चता में डाल दिया था व लोगों में कुदरती आपद का भय सता रहा था, वहीं शनिवार से शुरू हुई बारिश 14 घंटे लगातार पड़ने से जहां जिले में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए थे वहीं रविवार व सोमवार को हल्की बारिश ने किसानों को निराश कर दिया। तीन दिनों की आपद के बाद चौथे दिन सुबह खिली कड़ाके की धूप ने जहां किसानों आपद से राहत मिली, वहीं उनके चेहरों पर रौनक वापिस लौट आई। कृषि विभाग के अनुसार इन तीन दिनों की कुदरती आपद ने जिला बरनाला में 0-25 फीसद तक धान 1960 हेक्टेयर, बासमती, 64 हेक्टेयर, नरमा 155 हेक्टेयर, 26-50 फीसद तक धान-181 हेक्टेयर, बास्मती 1 हेक्टेयर, नरमा 7 हेक्टेयर सहित ब्लाक बरनाला धान 145 हेक्टेयर, बास्मती 60 हेक्टेयर, नरमा 125 हेक्टेयर व ब्लॉक शैहणाधान 1815 हेक्टेयर, बास्मती 4 हेक्टेयर, नरमा 30 हेक्टेयर का नुकसान हो चुका है। मंगलवार को खिली धूप ने खेतों में पानी में डूबी फसलों में थोड़ी बहुत जान डाल दी, परंतु सबसे बड़ी बात इस कहर से किसानों को राहत मिली। शहर के बाजारों में लौटी रौनक
तीन दिनों की बारिश के मौसम के कारण जहां बाजारों में सन्नाटा पसर गया था व दुकानों से खरीददारी के लिए लोगों ने घरों में निकलना बंद कर दिया था, वहीं मंगलवार को खिली धूप से व्यापारियों में थोड़ी उम्मीद जगी व दुकानों पर खरीददारी के लोग उमड़ने शुरू हो गए।
इस अवसर पर किसान मोहन ¨सह ने कहा कि वैसे तो बारिश के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है, जिसको मोटर की मदद से निकाला जा रहा है। परंतु बारिश के बाद चली हवा से खेतों में बिछी फसल धूप में थोड़ी बच जाएगी।
किसान मनजीत ¨सह ने कहा कि धूप ने किसानों के चेहरों की रौनक लौटा दी है। क्योकि तीन दिनों से बारिश ने फसलों को बेजान कर दिया था। अब खेतों में धूप से फसल में जान आने की संभावना हैं।