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शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर

बरनाला श्री राम कृष्ण सुंदर कांड एवं संकीर्तन मंडली समस्त प्रेमी भगत जन व धार्मिक संस्था बरनाला के सहयोग से सेखा रोड गली नंबर 4 नजदीक साबुन फैक्ट्री दोपहर 300 बजे से शाम 600 बजे तक संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन किया गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 11:32 PM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 11:32 PM (IST)
शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर
शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुन श्रद्धालु हुए भावविभोर

संवाद सूत्र, बरनाला : श्री राम कृष्ण सुंदर कांड एवं संकीर्तन मंडली समस्त प्रेमी भक्तजन व धार्मिक संस्था बरनाला के सहयोग से सेखा रोड गली नंबर चार, नजदीक साबुन की फैक्ट्री दोपहर तीन बजे से शाम 6 बजे तक संगीतमय श्री राम कथा का आयोजन किया जा रहा है, जो किपांच दिसंबर को 12 बजे भोग डाल संपन्न किया जाएगा।

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कथा के तीसरे दिन मानव हंस श्रद्धेय श्री राजेश मिश्रा जी महाराज ने शिव पार्वती विवाह का वर्णन कर श्रद्धालुओं को निहाल किया। सुंदर-सुंदर भजन से 'शिव को ब्याहने चले' 'भोले की बारात चली सज धज चली' सहित अन्य पर नाचे झूम श्रद्धालुओं ने आनंद लिया व शिव विवाह प्रसंग का वर्णन सुन मंत्रमुग्ध हो गए। श्री राजेश मिश्रा जी महाराज ने बताया कि जब शिव व पार्वती का विवाह होने वाला था तो एक बड़ी सुंदर घटना हुई। उनकी शादी बहुत ही भव्य थी। इससे पहले ऐसी शादी कभी नहीं हुई थी। भगवान शिव जो दुनिया के सबसे तेजस्वी प्राणी थे, एक दूसरे प्राणी को अपने जीवन का हिस्सा बनाने वाले थे। उनकी शादी में बड़े से बड़े व छोटे से छोटे लोग शामिल हुए। सभी देवता तो वहां मौजूद थे ही, साथ ही असुर भी वहां पहुंचे। आमतौर पर जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे ओर जहां असुर जाते थे वहां देवता नहीं जाते थे। परंतु यह तो भगवान शिव का विवाह था, इसलिए उन्होंने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ आने का मन बनाया। संगीतमय श्री राम कथा में प्रतिदिन सुबह 8:00 से 9:00 पूजन का समय, सुबह 9:00 से 11:30 बजे मूल पाठ किए जाते हैं।

इस तरह होगा कमेटी का समारोह

कमेटी के अनिल कुमार, मनोज कुमार व सुखराम ने बताया कि 29 नवंबर को नारदमोह प्रसंग, 30 नवंबर को मनुषतरुपा प्रसंग, 1 दिसंबर को रामावतार, 2 दिसंबर को पुष्प वाटिका एवं गौरी पूजन प्रसंग, 3 दिसंबर को धनुषभंग एवं सीता स्वयंबर, 4 दिसंबर को राम वन गमन, केवट प्रसंग, भरत मिलाप, सीता हरण, शबरी प्रसंग होगा व 5 दिसंबर को सुग्रीव मित्रता, सीता जी की खोज, रावण वध व श्री राम जी का राजतिलक होगा।


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