कृषि कानून रद होने तक जारी रहेगा धरना
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा का धरना रविवार को 214वें दिन में प्रवेश कर गया।
जागरण संवाददाता, बरनाला
केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा का धरना रविवार को 214वें दिन में प्रवेश कर गया। बरनाला रेलवे स्टेशन पर धरने पर बैठे विभिन्न किसान संगठनों के नेताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कानून रद होने तक धरना जारी रहेगा।
इसी प्रकार टोल प्लाजा महलकलां व टोल प्लाजा बडबर व भाजपा के जिला प्रधान यादविदर शैंटी के घर के बाहर भी रविवार को रोष धरना जारी रहा। किसान संगठनों द्वारा संघेड़ा भदलवड्ड रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के समक्ष भी रोष धरना लगाया गया। भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां की ब्लाक महल कलां इकाई द्वारा संगठन के ब्लाक प्रधान जज सिंह गहल की अगुआई में लुधियाना-बरनाला मुख्य मार्ग पर गांव भदलवड़ व संघेड़ा के मध्य स्थित पेट्रोल पंप पर पक्का मोर्चा लगाया गया हुआ है। रविवार को टिकरी, सिघू व गाजीपुर बार्डरों पर पश्चिमी बंगाल से शहीदों की मिट्टी लेकर पहुंची व संघर्ष का हिस्सा रही बंगाल की नौजवान धी ममता बासू की मौत पर दो मिनट का मौैन धारण कर श्रद्धांजलि भेंट की व अहद किया कि मोर्चे में शहीदों की कतार में किसान महिलाएं भी शामिल हो गई हैं। हर कुर्बानी देकर खेती विरोधी काले कानून रद्द करवाने के लिए संघर्ष जारी रखने का प्रण किया। करनैल सिंह गांधी, बलवीर कौर कर्मगढ़, बाबू सिंह, परमजीत कौर, गुरनाम सिंह, गुरचण सिंह, हरचरण सिंह, मनजीत कौर, चरणजीत कौर, मनजीत राज, मेला सिंह, गुरविदर सिंह, नारायण दत्त ने कहा कि खेती कानून जहां लोक विरोधी हैं वहीं रोजाना कमाकर खाने वाले मजदूरों के लिए भी नुकसानदेह हैं। इन कानूनों से कारपोरेट घरानों की मालकी वाली मंडियां होंगी। जिनमें मशीनों की भरमार होगी व रोजगार बुरी तरह प्रभावित होगा। आधुनिक मशीनें मजदूरों का रोजगार छीन लेंगी। बड़े स्तर पर घरेलू उद्योग तबाह हो जाएंगे। आधुनिक मशीनें मजदूरों का रोजगार छीन लेंगी। खेती सुधार के नाम पर पास कानून अनाज भंडारण की छूट देते हैं जोकि छोटी किसानी या मजदूरों के लिए बहुत बड़ी चुनौती है। बहादुर सिंह धनौला, रूलदू सिंह शेरों, जीत कौर ने कविताएं व गीत पेश किए। लंगर की सेवा शेर सिंह भट्ठल बाजवा पत्ती द्वारा की गई।