ड्रेगन की धार से धराशाई धारा 144, आसमान में उड़े एनजीटी के आदेश
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल द्वारा बेशक पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को फटकार लगाने हुए ड्रेगन डोर की ब्रिकी व इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। लेकिन जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा इन पर कोई कार्रवाई की गई, जिसके कारण शहर के तमाम बाजारों में पुलिस प्रशासन के नाक तले नियमों की धज्जियां उड़ाते दुकानों पर चोरी छिपे, कहीं होम डिलीवरी से लेकर मोबाइल पर आर्डर बुक करके चाइनीज डोर बांटी गई। डीसी बरनाला द्वारा धारा 188 भी लगाई गई थी, लेकिन आसमान में उड़ी ड्रेगन डोर के तेजधार के आगे वह भी कट गई। वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने भी शहर में बिक रही चाइना डोर को रोकने के लिए किसी भी प्रकार की ना तो कोई कार्रवाई की व ना ही दुकानों पर छापेमारी की गई।
सोनू उप्पल, बरनाला : नेशनल ग्रीन टिब्यूनल द्वारा बेशक पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को फटकार लगाने हुए ड्रेगन डोर की ब्रिकी व इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। लेकिन जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा इन पर कोई कार्रवाई की गई, जिसके कारण शहर के तमाम बाजारों में पुलिस प्रशासन के नाक तले नियमों की धज्जियां उड़ाते दुकानों पर चोरी छिपे, कहीं होम डिलीवरी से लेकर मोबाइल पर आर्डर बुक करके चाइनीज डोर बांटी गई। डीसी बरनाला द्वारा धारा 188 भी लगाई गई थी, लेकिन आसमान में उड़ी ड्रेगन डोर के तेजधार के आगे वह भी कट गई। वहीं दूसरी ओर पुलिस प्रशासन ने भी शहर में बिक रही चाइना डोर को रोकने के लिए किसी भी प्रकार की ना तो कोई कार्रवाई की व ना ही दुकानों पर छापेमारी की गई।
दोपहिया का थमा पहिया
जिला प्रशासन द्वारा ड्रेगन डोर पर लगाई पाबंदी के बावजूद आसमान में सरेआम उड़ती रही, जो शहर की सड़कों, बाजारों, रोड व ओवरब्रिज से गुजरने वाले दो पहिया वाहन चालकों, राहगीरों व आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी। चालकों के गले, हाथ व बाइक के टॉयरों में डोर अटकने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
शहर में गूंजी पंजाबी गीतों की आवाज
सुबह खिली तेज धूप ने चार चांद लगा दिए। दो दिन पहले से बसंत पंचमी को मनाने की तैयारियों के बाद रविवार को घरों की छतों पर डीजे पर पंजाबी गीतों की धुन सुनाई दी, तो वहीं युवाओं, बच्चों व अन्य ने पतंगबाजी करके बसंत का त्योहार आनंद से मनाया।
दाव पर जान, सड़कों पर पतंग पकड़ने की होड़
बसंत पंचमी पर छोटे बच्चों से लेकर बड़ों तक शहर के बाजारों, सड़कों, रेलवे लाइनों, बिजली की तारों पर डंडे, छतों से कूद कर कटी पतंगों को पकड़ते दिखे। इधर उधर दौड़ते, कूदते और रेल लाइनों के बीच पतंगबाजी करते देखे गए। दूसरी ओर इन बच्चों को रोकने व इनकी सुरक्षा के लिए ना तो कोई रेलवे विभाग का सुरक्षा कर्मी व ना ही पुलिस प्रशासन के जवानों द्वारा कोई प्रबंध किए गए।