कृषि विभाग की खंडहर इमारत में बैठना कर्मचारियों की मजबूरी
खेतीबाड़ी दफ्तर की खस्ताहालत बि¨ल्डग, बहा रही अपनी खस्ताहालत पर आंसुखेतीबाड़ी दफ्तर की खस्ताहालत बि¨ल्डग, बहा रही अपनी खस्ताहालत पर आंसुखेतीबाड़ी दफ्तर की खस्ताहालत बि¨ल्डग, बहा रही अपनी खस्ताहालत पर आंसुखेतीबाड़ी दफ्तर की खस्ताहालत बि¨ल्डग, बहा रही अपनी खस्ताहालत पर आंसुखेतीबाड़ी दफ्तर की खस्ताहालत बि¨ल्डग, बहा रही अपनी खस्ताहालत पर आंसुखेतीबाड़ी दफ्तर की खस्ताहालत बि¨ल्डग, बहा रही अपनी खस्ताहालत पर आंसु
सोनू उप्पल, बरनाला : विगत 38 वर्षों के करीब मार्केट कमेटी की जगह पर बने खेतीबाड़ी दफ्तर की इमारत करब 60 वर्ष पुरानी है। जो कि पूरी तरह से खंडहर बन चुकी है। फिर भी कृषि विभाग के कर्मचारी यहां पर बैठ काम करने को मजबूर हैं।
कर्मचारी भी अपना जीवन खतरे में देखते हुए कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं और बाहर दीवार पर पोस्टर भी चिपका रखा है। इसके अलावा विभाग को पांच वर्षो से लगातार नोटिस भी भेज रहे हैं। वहीं इमारत के ऊपर व नीचे घास व पेड़ पौधे उग आए हैं। ऐसे में यदि कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा, कृषि विभाग, जिला प्रशासन या फिर पंजाब सरकार। जगह-जगह से गिरता रहता है प्लास्टर
खेतीबाड़ी दफ्तर की खस्ताहालत बि¨ल्डग के चलते सभी कमरों में दरार पड़ चुकी है व छत से सीमेंट के टुकड़े बनकर गिर रहे है। छत में से सरिया निकल कर बाहर आ चुका है, जो कि इमारत के किसी भी वक्त गिरने का इशारा कर रहा है। बारिश के दिनों में पूरी इमारत से पानी टपकता है। जिसकी वजह से कर्मचारियों को परेशानी का सामना तो करना ही पड़ता है, उनके रिकार्ड भी कई बार खराब हो जाते हैं। बॉक्स न्यूज--
कृषि विभाग के सि दफ्तर की खस्ताहालत इमारत के चलते विगत वर्ष ही आत्मा विभाग पशु अस्पताल बरनाला में सिफ्ट किया जा चुका है। इस अवसर पर जब इंजीनियर विभाग के अधिकारी प्रेम कुमार से पूछा गया तो उन्होने कहा कि खेतीवाड़ी इंजीनियर विभाग का आत्मा विभाग बना होने के कारण वह तो वह चले गए है, क्योकि खस्ताहालत बि¨ल्डग कभी भी गिर सकती है।
इस संबंध में विभाग के जिला अफसर बरनाला व फरीदकोट हर¨वदर ¨सह ने कहा कि उनके द्वारा आत्मा विभाग पशु अस्पताल में सिफ्ट करने के लिए खेतीबाड़ी दफ्तर पंजाब को लिख करके भेज दिया है, परंतु उनके हाथ में कुछ नहीं है।
मामला ध्यान में है, सरकार को भेजा जा चुका है
डीसी धर्मपाल गुप्ता ने कहा कि मामला उनके ध्यान में है व उनके द्वारा उक्त मामले में पंजाब सरकार को लिखित भेज दिया है व जैसे ही कोई जबाव आएगा, तो कार्रवाई की जाएगी।