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बिना सूचना खेत में उतारी कंबाइन तो जाएंगे 6 साल के लिए जेल : पन्नू

किसानों ने नियमों की उल्लंघना कर पराली जलाकर, प्रदेश सरकार के विरोधं शुरू किया संघर्षकिसानों ने नियमों की उल्लंघना कर पराली जलाकर, प्रदेश सरकार के विरोधं शुरू किया संघर्षकिसानों ने नियमों की उल्लंघना कर पराली जलाकर, प्रदेश सरकार के विरोधं शुरू किया संघर्षकिसानों ने नियमों की उल्लंघना कर पराली जलाकर, प्रदेश सरकार के विरोधं शुरू किया संघर्षकिसानों ने नियमों की उल्लंघना कर पराली जलाकर, प्रदेश सरकार के विरोधं शुरू किया संघर्ष

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Oct 2018 06:21 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 06:21 PM (IST)
बिना सूचना खेत में उतारी कंबाइन तो जाएंगे 6 साल के लिए जेल : पन्नू
बिना सूचना खेत में उतारी कंबाइन तो जाएंगे 6 साल के लिए जेल : पन्नू

संवादसूत्र, बरनाला : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल व पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रदेश सरकार को धान की पराली जलाने को लेकर चेतावनी दी गई है। इसके अलावा खेतीबाड़ी विभाग पंजाब के चीफ सेक्रेटरी पन्नू शाह ने वीडियो कॉन्फेंस में कहा कि यदि किसान बिना सूचना व मंजूरी मिले खेत में कंबाइन उतारी तो छह साल की सजा होगी।

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जिसके कारण प्रदेश सरकार को नियमों की पालना करते हुए किसानों को पराली जलाने से रोकने व पराली प्रबंधन के लिए सैकड़ों वाहन भी मुहैया करवाए जा रहे हैं, परंतु किसान पराली जलाने से रुक नहीं है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन द्वारा धारा 144 के तहत पराली ना जलाने के लिए किसानों को सख्त चेतावनी दी जा रही है, परंतु जिला बरनाला में किसान पराली जला करके जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार का विरोध कर रहे हैं। बेशक जिला प्रशासन किसानों के जबरन चालान काट रहा है, लेकिन किसान है कि मान नही रहे है। गौरतलब हो कि जिला प्रशासन ने अपने कड़े तेवर दिखाते हुए पराली जलाने के मामले में सख्ती दिखाते बुधवार को ही एक किसान को 10 हजार जुर्माना किया है, परंतु वहीं भारतीय किसान यूनियन द्वारा भी जिला प्रशासन को चेतावनी

देते हुए गांव सहौर में पराली जलाई गई।

इस अवसर पर लक्खोवाल यूनियन के जिला प्रधान जसवीर ¨सह छीनीवाल से जिला प्रशासन द्वारा लगाई धारा 144 के तहत पराली ना जलाने के आदेश को लेकर पूछा तो उन्होने कहा कि किसान यूनियन को धारा न 144, ना 45 व न ही 46 दबा सकती है। यूनियन का काम है सरकार के नियमों की उलंघन करना, इसलिए वह नियमों के विरोध पराली जला रहे है। उन्होने प्रदेश में लगाए 8 हजार नोडल अफसर को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी अधिकारी को गांव में दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। अगर कोई अधिकारी गांव में दाखिल होकर किसान पर मुकदमा दर्ज करने की कोशिश करेगा तो उसको पक्के तौर पर बंदी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों ने पराली को आग लगाने की मुहिम शुरू कर दी है व यूनियन उनके साथ है। उन्होने कहा कि अगर प्रदेश सरकार ने उनके साथ धक्केशाही की तो हाईवे जाम करके पराली की ट्रालियां सड़को पर उलटा रास्ते बंद कर दिए जाएंगे व संबंधी विभाग के अधिकारियों के दफ्तरों के आगे लगा दी जाएगी।

बेशक प्रदेश सरकार द्वारा खेतीबाड़ी विभाग के जरिए पराली के प्रबंधन के लिए 20 एकड़ के हिसाब से एक यंत्र मुहैया करवाया जा रहा है। जिला बरनाला में अब तक 180 हैप्पी सीडर, 180 पैडीचोबर, 65 जीरो ड्रिल, 14 आरएमबी रिवर्सिबल ब्लैक मुहैया करवाने के साथ 275 कंबाइन एमएसएम मुहैया करवाए गए हैं। परंतु इन सबके बाद भी किसान पराली जलाने की मजबूरी दिखा रहे हैं।

डीसी धर्मपाल गुप्ता ने कहा कि नियमों की उल्लघंन करने वाले किसानों पर बनती कार्रवाई की जाएगी व पराली जलाने के लिए उनको रोका जाएगा।

प्रशासन हुआ सख्त, पराली जलाने पर जरूर होगी कार्रवाई

खेतीबाड़ी विभाग पंजाब के सेक्रेटरी ने बयान देते हुए बताया कि बुधवार को खेतीबाड़ी विभाग पंजाब की वीडियो कॉन्फ्रेंस से समूह पंजाब में खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई, जिसमें खेतीबाड़ी विभाग पंजाब के सेक्रेटरी पन्नू ने कहा कि अगर कोई भी किसान बिना मैसेज या बिना बताए कंबाइन चलाया तो उसको 6 साल की सजा का प्रावधान है वहीं अगर कोई भी किसान पराली को जलाएगा तो उसको जुर्माना करके सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएंगी। 24 घंटे बीते नहीं हुई कार्रवाई

गांव सहौर में बुधवार को पराली जलाने के मामले में 24 घंटे बाद भी कार्रवाई नहीं की जाने पर जब नायब तहसीलदार अशोक जिंदल से पूछताछ की गई तो उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मामले में जांच की जा रही है।


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