गांवनिवासियों व एनआरआइ ने उठाया सुशिक्षित समाज का जिम्मा
शिक्षा सेहत सड़कें का विकास सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते अभी भी कई जगहों पर इसका अभाव साफ तौर पर देखा जा सकता है।
हेमंत राजू (बरनाला): शिक्षा, सेहत, सड़कें का विकास सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन, प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते अभी भी कई जगहों पर इसका अभाव साफ तौर पर देखा जा सकता है। स्कूलों की हालत खस्ता है। शिक्षा की स्थिति दयनीय है। मगर एक ऐसा भी सरकारी स्कूल है जो प्राइवेट स्कूल को मात दे रहा है। गांव चन्नवाल, गहला, बिहला, नैन्नेवाल, जंगीआणा, राएसर पंजाब सहित अन्य गांव में एनआरआइ, गांव निवासी व अन्य सहयोगी सज्जन अपना सहयोग दे गांव को शहरों से उपर उठा गांव के बच्चों को उच्च शिक्षा देकर शिक्षित करने में जुटे है। गांव में कान्वेंट स्कूलों जैसा वातावरण व हर शिक्षा मैटिरियल प्रदान करने व गांव के सरकारी स्कूलों की नुहार बदलने का जिम्मा अपने पैतृक गांव से विदेश गए गांवनिवासियों व युवाओं ने उठा लिया है। आज जिला बरनाला के विभिन्न गांव से विदेश में रहने वाले विदेशी युवा व बरनाला के पैतृक गांव संबंध रखने वाले युवा गांव की नुहार के लिए लाखों रुपये अपने गांव की पंचायत को भेज गांव में खर्च कर रहे है व गांव में शिक्षा का स्तर उपर उठाने में लगे है।
इन गांव में चली सरकारी स्कूलों को मॉडल बनाने की आंधी
एनआरआइ द्वारा दिए विकास में सबसे पहले गांव चन्नवाल की बात करें तो आज जिला बरनाला में एनआरआइ के गांव से जाना जाता है। एनआरआई द्वारा चन्नवाल गांव में शिक्षा संस्थान की नुहार बन रख दी है। गांव के साबका सरपंच गुरजंट सिंह चन्नवाल ने बताया कि गांव में सरकारी स्कूलों के लिए अब तक करीब 60 लाख रुपये से अधिक भेज मॉडल स्कूल बना विकास करवाया है। इस गांव से कनाड़ा, इंग्लैंड व अमेरिका में रहने युवाओं का पैतृक गांव है।--इसी प्रकार कनाड़ा व अमेरीका में रहने वाले विदेशी व पैतृक गांव गहला के एनआरआइ द्वारा बराइट फ्यूचर क्लब के साथ मिलकर गांव में बच्चों को प्रैक्टिकल शिक्षा के साथ साथ अन्य ज्ञान प्रदान कर शिक्षित करने के लिए गांव में ट्रैफिक के साइन बोर्ड, संदेश बोर्ड, बेटी बचाओं के संदेश, सरकारी स्कूलों में मॉडल स्कूल बना विकास करवाया है। क्लब के प्रधान गुरजंट सिंह ने बताया कि एनआरआई द्वारा स्कूलों के विकास को 5 लाख रुपये से अधिक खर्च किए है।
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इसी प्रकार बीहला गांव में सरकारी प्राइमरी स्कूल बीहला में एनआरआइ सहयोग से सरकारी स्कूल की नुहार बदल दी है। सरकारी प्राइमरी स्कूल बीहला के प्रिसिपल, स्कूल अध्यापकों, एनआरआई व गांव निवासियों द्वारा किए प्रयास से सरकारी प्राइमरी स्कूल को ही मॉडल स्कूल बना दिया। प्रिसीपल हरप्रीत सिंह ने कहा कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के उज्जवल भविष्य, उच्च शिक्षा व अच्छा माहौल प्रदान करने के लिए स्कूल अध्यापकों, एनआरआई व गांव निवासियों के सहयोग से स्कूल पर 25 लाख रूपए एकत्र करके सरकारी प्राइमरी स्कूल बीहला की नुहार बदलने का कार्य शुरु कर दिया। इस मुहिम में शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा दी मदद से तीन कमरों का निर्माण करवाया गया।
इसी तरह जंगीआना गांव में सरकारी प्राइमरी स्कूल में एनआरआइ की मदद से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के उज्जवल भविष्य, उच्च शिक्षा व अच्छा माहौल प्रदान करने के लिए एनआरआई व गांव निवासियों द्वारा सरकारी प्राइमरी स्कूल जंगियाना की खस्ता हालत को सुधार कर सरकारी स्कूल को मॉडल स्कूल बनाने के लिए किए प्रयास से सरकारी प्राइमरी स्कूल को ही मॉडल स्कूल बना दिया। एनआरआई युवकों व गांव निवासियों द्वारा इसके लिए विशेष सहयोग दिया गया है।
सरकारी स्कूलों में ये है सुविधाएं
स्कूल में स्मार्ट रूम, स्मार्ट लैब, कंप्यूटर लैब, ट्रैफिक पार्क, एजुकेशन एक्टिविटी पार्क, आरओ सिस्टम, फर्निचर, कमरों में एलइडी, शौचालय, बच्चों के लिए झूले, बैंडमिंटन व बास्केटबॉल कोर्ट, अलमीरा, पोडियम, कूड़ेदान, लगाए गए।