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पराली के धुएं का कहर, हादसों में छह लोगों की गई जान

शनिवार देर रात करीब 11 बजे चारों तरफ फैले पराली के धुएं के कारण गांव सेखा से बरनाला के रास्ते सेखा निवासी इनोवा कार में सवार एक ही गांव के 11 लोग जिनमें पांच बच्चे थे मलेशिया जाने वाले गांव निवासी बीरबल को अमृतसर एयरपोर्ट पर छोड़ने जा रहे थे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Nov 2019 11:51 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 06:23 AM (IST)
पराली के धुएं का कहर, हादसों में छह लोगों की गई जान
पराली के धुएं का कहर, हादसों में छह लोगों की गई जान

जागरण टीम, बरनाला : शनिवार देर रात करीब 11 बजे चारों तरफ फैले पराली के धुएं के कारण गांव सेखा से बरनाला के रास्ते सेखा निवासी इनोवा कार में सवार एक ही गांव के 11 लोग जिनमें पांच बच्चे थे, मलेशिया जाने वाले गांव निवासी बीरबल को अमृतसर एयरपोर्ट पर छोड़ने जा रहे थे। जब वे सेखा कैंचियां नजदीक ट्राइडेंट फैक्ट्री के पास पहुंचे तो आइटीआइ चौंक से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में ट्रक (पीबी-13बीजी-3545)कार (पीबी-01बी-9599) को 100 फीट तक घसीटता हुआ ले गया, जो रोड पर बनी दुकानों के बीच टकराने के बाद ही रुकी। हादसे में दो बच्चों समेत चार लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद थाना सिटी-2 व थाना सिटी-1 की पुलिस मौके पर पहुंची। हादसे में घायलों को पटियाला के रजिंदरा अस्पताल और लुधियाना के डीएमसी में भर्ती करवाया गया है।

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सात वर्षीय बच्ची की मौके पर व तीन अन्य की इलाज के दौरान मौत

हादसे में बब्बू कौर पत्नी हरपूल सिंह निवासी भलूर व उसका पांच वर्षीय बेटा गुरनूर सिंह, कुलविदर सिंह निवासी सेखा व उसकी बेटी सिमरनप्रीत कौर की मौत हो गई है। गौर हो कि बब्बू कौर जिसे इनोवा में बीरबल निवासी सेखा को मलेशिया के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पर छोड़ने के लिए जा रहे थे, उसकी साली है व कुलविदर उसका पड़ोसी है। -गांव में छाया मातम नहीं जले चूल्हे

गांव सेखा में उक्त घटना के बाद पूरे गांव में मातम छा गया। हादसे में एक ही गांव में हुई दो बच्चों सहित चार की मौत से दो घरों में दुख का पहाड़ टूट पड़ा। उक्त घटना के बाद रविवार सुबह गांव में एक भी चूल्हा नहीं जला व गांव की पंचायत एकत्र होकर थाना सदर व थाना सिटी-2 में पहुंची। इसके साथ ही मृतक के पारिवारिक व रिश्तेदार एकत्रित होकर घायलों का हाल जानने के लिए पटियाला व लुधियाना के लिए रवाना हो गए। --परिवार का इकलौता कमाने वाला हादसे का शिकार

-कुलविदर सिंह (35) पुत्र जंग सिंह निवासी सेखा व उसकी बेटी सिमरनजीत कौर (10) इस हादसे में मौत का शिकार हो गए। कुलविदर सिंह ही घर का इकलौता कमाने वाला था व उसकी मौत से कमाई का साधन बंद हो जाएगा। हादसे में इकलौते बेटे गुरनुर सिंह मौत का शिकार हो गया। ऐसा हुआ हादसा, चश्मदीद

इनोवा कार में सवार मलेशिया जाने वाले बीरबल की पत्नी कुलविदर कौर जोकि पटियाला में उपचाराधीन है, ने बताया कि वह कार की अगली सीट पर ही बैठी थी। सेखा गांव से जब बरनाला सेखा कैं चियां पहुंचे, तो उसने चालक को कार रोकने को कहा, तो सामने से आ रहा ट्रक तेज गति के कारण अनियंत्रित हो गया व सीधा उनकी कार में आ टकराया। उसकी सीट वाले दरवाजा को लॉक न लगा होने के कारण वह नीचे गिर गई।

हादसे में घायल

उक्त हादसे में बच्ची खुशप्रीत कौर, कुलविदर कौर, रमनदीप कौर, बच्चा प्रगट सिंह, ट्रक चालक जगसीर सिंह राजिदरा अस्पताल पटियाला में उपचाराधीन हैं और दो अन्य लुधियाना के डीएमसी में भर्ती हैं। पोस्टमार्टम के बाद शव बरनाला पहुंचे

राजिदरा अस्पताल पटियाला में मौत का शिकार हुए मां बब्बू कौर (30) व उसका इकलौता बेटा गुरनुर सिंह व कुलविदर सिंह (35) पुत्र जंग सिंह निवासी सेखा व उसकी बेटी सिमरनजीत कौर (10) का शव पटियाला से पोस्टमार्टम के बाद सिविल अस्पताल बरनाला में पहुंच गया है जिनके संस्कार को लेकर अभी कोई सूचना नहीं मिली है।

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पराली को जलाकर किसान खुद के लिए खड़ी कर रहे मुसीबत

20 अक्टूबर से शुरू हुई धान की आमद के बाद किसानों ने अगली फसल को लेकर खेतों को जल्द तैयार करने के लिए पराली को आग लगाना शुरू कर दिया है, इससे किसान खुद के लिए ही मुसीबत खड़ी कर ही रहे हैं, साथ में पराली का धुआं विजिबिलिटी कम होने के कारण मौत का कारण बन गया है व प्रतिदिन सड़क हादसों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। रविवार सुबह सूरज धुएं की बादल रूपी चादरों में ही छिपा रहा व लोगों को धूप नसीब नहीं हुई। पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार बरनाला के एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे घटिया बन गया है व एक्यूआई 380 के करीब पहुंच गया है, जो कि आने वाले दिनों में 400 पार कर जाएगा व बरनाला को डेंजर जोन घोषित करना पड़ेगा।


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