चेले ने हत्या कर जमीन के आठ फीट नीचे दबा दिया था संत बाबा अजैब सिंह का शव
पुलिस ने संत बाबा अजैब सिंह का शव बरामद कर लिया है। संत जगरांव के नजदीकी गांव रत्न के गुरुद्वारा टाहली साहिब पातशाही दसवीं के मुख्य सेवादार थे।
संवाद सूत्र बरनाला: पुलिस ने गत 4 दिसंबर को इनोवा कार सहित अपहृत संत बाबा अजैब सिंह का शव बरामद कर लिया है। आरोपितों की निशानदेही पर सोमवार को गोलोक धाम संघेड़ा बरनाला में जमीन के आठ फीट नीचे दबाए गए शव को जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया। संत बाबा अजैब सिंह जगरांव के नजदीकी गांव रत्न के गुरुद्वारा टाहली साहिब पातशाही दसवीं के मुख्य सेवादार थे। मामले में 6 दिसंबर को थाना जौधा की पुलिस ने केस दर्ज करके इनोवा कार को जगरांव के ठाठ से बरामद कर केस में नामजद चार आरोपितों को काबू किया था।
थाना जौधा के डीएसपी अमनदीप सिंह बराड़ ने बताया कि चार दिसंबर को संत बाबा अजैब सिंह के पास उनका पुराना चेला दया सिंह पुत्र शमशेर सिंह निवासी गांधी नगर जेएंडके व गोलोक धाम संघेड़ा बरनाला के मुख्य सेवादार बाबा भोला सिंह, उनका भाई बलबीर सिंह, देव सिंह इंडिका कार में सवार होकर पहुंचे थे। वे संत बाबा अजैब सिंह को उनकी इनोवा कार में अगवा करके गोलोक धाम संघेड़ा बरनाला ले आए थे। उसके बाद तुरंत इनोवा जगरांव के ठाठ में खड़ी करके फिर से गोलोक धाम लौट आए थे। आरोपितों ने संत का मोबाइल फोन को बंद करके अपने पास रख लिया था।
आरोपित गोलोक धाम संघेड़ा बरनाला के मुख्य सेवादार बाबा भोला सिंह व दया सिंह के साथ पुलिस।
रात में उन्होंने संत बाबा अजैब सिंह को जहरीला टीका लगा उनके सिर में लोहे की राड मारकर उनका कत्ल कर दिया। धाम में पहले से ही आठ फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। शव को गड्ढे में दबा ऊपर से नमक व गुड़ डाला था। फिर उसके ऊपर बरौटा पेड़ की एक बड़ी सी टहनी लगा दी थी।
पांच दिसंबर को संत बाबा अजैब सिंह के भाई हरभजन सिंह की मौत के बाद भोग था। जब संत बाबा अजैब सिंह भोग पर नही गए पहुंचे 6 दिसंबर को सभी को ङ्क्षचता हुई व गांव रत्न के पंच दविंदर सिंह व पंचायत ने थाना जौधा में संत बाबा अजैब सिंह के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई। बाबा संत अजैब सिंह के मोबाइल पर बात की तो गोलोक धाम से कोई बोला कि बाबा जी का गला खराब है और बाद में बात करवाते हैं। इस पर पुलिस ने आठ दिसंबर को दया सिंह को काबू कर लिया। उससे पूछताछ के आधार पर आठ दिसंबर को गोलोक धाम बरनाला के मुख्य सेवादार भोला सिंह व उसके भाई बलबीर सिंह व चौथे आरोपित देव सिंह को काबू करके कड़ी पूछताछ की गई। इसमें सभी ने सच उगल दिया।
गुरुद्वारा से निकाला गया था था मुख्य आरोपित दया सिंह को
पहले मुख्य आरोपित दया सिंह हजूर साहिब में सेवादार था। वहां पर दया सिंह ने कुछ बड़ा सामान बेच दिया था जिस पर दया सिंह को वहां से निकाल दिया गया था। उसके बाद में दया सिंह वहां से संत बाबा अजैब सिंह के पास आकर गुरुद्वारा साहिब में रहने लगा था। कुछ कारणों से दया सिंह वहां से भी आ गया था। पिछले तीन माह से वह गोलोक धाम संघेड़ा बरनाला के मुख्य सेवादार भोला सिंह के पास आकर रहने लगा था। यहीं पर दया सिंह व भोला सिंह ने संत बाबा अजैब सिंह को ठिकाने लगाने की योजना बनाई और उनका कत्ल कर दिया।