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मुगलों की सोच रखने वाले नेताओं को सत्ता से बाहर करने की जरूरत : रामूवालिया

जागरण संवाददाता, बरनाला : प्रदेश को नीली व सफेद पगड़ियों वाले अंग्रेजों से मुक्त करवाने के

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Aug 2018 04:31 PM (IST)Updated: Fri, 17 Aug 2018 06:55 PM (IST)
मुगलों की सोच रखने वाले नेताओं को सत्ता से बाहर करने की जरूरत : रामूवालिया
मुगलों की सोच रखने वाले नेताओं को सत्ता से बाहर करने की जरूरत : रामूवालिया

जागरण संवाददाता, बरनाला : प्रदेश को नीली व सफेद पगड़ियों वाले अंग्रेजों से मुक्त करवाने के लिए छपार के ऐतिहासिक मेले पर मुहिम शुरू करेंगे व समाजवादी पार्टी के नेतृत्व में प्रदेश को तरक्की के रास्ते पर लेकर जाएंगे। उक्त बात समाजवादी पार्टी पंजाब के सुप्रीमो बलवंत ¨सह रामूवालिया ने रेस्ट हाऊस में कही।

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उन्होंने कहाकि इस बार छपार मेले पर समाजवादी पार्टी द्वारा विशाल कांफ्रेंस की जाएगी। जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान अखिलेश यादव विशेष तौर पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनका मुल्क आजाद हुए भेल ही 71 वर्ष बीत चुके हैं, परन्तु प्रदेश अभी भी पूरी तरह गुलाम है, क्योंकि प्रदेश के अपनों ने ही अंग्रेजों की लूटने व पीटने की नीति पर चलते अपने निजी हितों की खातिर प्रदेश को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है।

रामूवालिया ने दावा किया कि उन्होंने अपनी हिम्मत सदका दिल्ली पुलिस पंजाबी युवकों की बंद भरती को देवेगौड़ा सरकार मौके शुरू करवाया था। उन्होंने कहा कि देश के संविधान की 11 बार शपथ उठा कर विभिन्न पद पर रह कर देश की सेवा करके उनके मन को पूरी तसल्ली है। आने वाले दिनों में समाजवादी पार्टी के बैनर में प्रदेश के लोगों को पंजाब की सत्ता पर काबिज या पहले काबिज रहे मुगलों की सोच वाले नेताओं के खिलाफ जागरूक करके पंजाब के हकों व हितों की चौकीदारी वाला एक फ्रंट खड़ा किया जाएगा।

इस अवसर पर रामूवालिया के साथ लंबे समय से साथ रहे शिअद नेता बाघ ¨सह मान, राजिन्दर ¨सह मूंम, मास्टर गुरमेल ¨सह शैहणा, सरपंच कोर ¨सह मूंम, फतेह ¨सह रामगढ़, गगनदीप ¨सह, बूटा ¨सह मूंम, तेजिन्दर ¨सह टल्लेवाल, बूटा ¨सह रामगढ़ आदि नेता भी उपस्थित थे। रामूवालिया की कान्फ्रेंस में अकाली नेताओं की रही चढ़त

यूपी में सत्ता सुख भोगने के बाद रामूवालिया ने फिर पंजाब का रुख कर लिया है। पंजाब लौटते ही रामूवालिया ने लोक भलाई पार्टी समय अपने अंग-संग रहे पुराने साथियों को फिर से एकत्र करना शुरू कर दिया है। उदाहरण के तौर पर बरनाला कांफ्रेंस में शिरोमणि अकाली दल के बड़े नेता अपने साथियों सहित कान्फ्रेंस के दौरान प्रबंध करने में व्यस्त रहे। रामूवालियों ने भी इस कान्फ्रेंस के पूरे समय अकाली दल से जुड़े बाघ ¨सह मान, रजिन्दर ¨सह मूंम, जैसे नेताओं को अपने साथ रखा। रामुवालिया के बरनाला दौरे में उक्त अकाली नेताओं की सक्रियता ने शहर में नई राजनैतिक चर्चा छेड़ दी है।


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