भारत में 44 लाख से अधिक बच्चे कर रहे बाल मजदूरी : भंडारी
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस पर प्रोग्रेसिव सीनियर सिटीजन सोसायटी की तरफ से परिचर्चा का आयोजन किया गया।
संवाद सहयोगी, बरनाला
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम विरोधी दिवस पर प्रोग्रेसिव सीनियर सिटीजन सोसायटी की तरफ से परिचर्चा का आयोजन किया गया। सोसायटी की चेयरपर्सन नीरज बाला दानिया ने कहा कि बचपन हंसने-खेलने, मस्ती करने व प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने का समय होता है। बचपन में बच्चों से बाल मजदूरी करवाना भारतीय संविधान के 24वें अनुच्छेद की अवहेलना है। बचपन में बच्चों से मजदूरी, कारखानों, होटलों, ढाबों व घरों में कार्य करवाना बाला श्रम के दायरे में आता है।
सोसायटी के प्रधान सुखविदर सिंह भंडारी व महिला विग की प्रधान बबीता जिदल ने बताया कि भारत देश में 44 लाख से अधिक बच्चे बाल मजदूरी करते हैं। 12 जून को पूरे विश्व में बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी न करवाना है। सोसायटी के मुख्य सरपरस्त प्यारा लाल रायसर व महासचिव रमेश चंद कौशल ने कहा कि भारत सरकार द्वारा पास किए 1986 के एक्ट अनुसार जो व्यक्ति या विभाग 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी करवाता है उसे तीन माह से एक वर्ष तक की सजा व 20 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक जुर्माना किया जाएगा। हेमराज वर्मा, महेश गुप्ता, सरूप चंद वर्मा, केवल कृष्ण गर्ग, दर्शन गर्ग, जसवीर कौर भोतना, सुषमा गोयल, प्रवीण भंडारी, अश्वनी शर्मा, महिदरपाल, राजवंत कौर मान, बलजीत सिंह सिद्धू आदि उपस्थित थे।