माता तुलसी का विवाह श्रद्धा से किया
बरनाला श्री हनुमत धाम राम बाग में श्री तुल्सी जी का विवाह श्रद्धापूर्वक व धूमधाम से हुआ।
संवाद सूत्र, बरनाला : श्री हनुमत धाम मंदिर राम बाग में तुलसी माता का विवाह श्रद्धापूर्वक व धूमधाम से किया गया। पंडित गिरधारी लाल ने बताया कि एकादशी वाले दिन माता तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से किया जाता है। कार्तिक माह में भगवान विष्णु को माता तुलसी अति प्रिय है, क्योंकि जब राक्षस जलंधर व भगवान शंकर का युद्ध चल रहा था, तो उसको मारने के लिए भगवान विष्णु जी ने राक्षस जलंधर की पत्नी वृंदा का धर्म नष्ट किया, क्योंकि वह पतिव्रता थी। जब उसको पता चला तो वृंदा ने अपना शरीर अग्नि द्वारा नष्ट कर दिया, तो भगवान विष्णु जी इतने मोहित हो गए कि वह उसकी चिता की राख पर ही बैठे रहे, तो माता लक्ष्मी, माता पार्वती व माता ब्राह्माणी ने तीन बीज दिए भगवान का मोह भंग करने के लिए। माता पार्वती के बीज से तुलसी पैदा हुई, माता लक्ष्मी के बीज से मालती पैदा हुई व ब्राह्माणी के बीज से आंवला पैदा हुई, तब भगवान विष्णु जी ने शालिग्राम रुप में आकर तुलसी माता से विवाह किया। इस अवसर पर सुरिदर कुमार बांसल व सतीष बांसल ने विवाह की सभी रस्मों को पूरा करवाया। राम बाग कमेटी ने इस अवसर पर पकौड़ों का लंगर लगाया गया।
श्री गणेश मंदिर में माता तुलसी का विवाह कथावाचक रिकू शर्मा ने श्रद्धापूर्वक व धूमधाम से करवाया गया। इस अवसर पर श्रद्धालु लोकनाथ लक्की, हरमेश कुमार, पुनीत मंडोरा, महंत भगवान दास, जितेंद्र, धीरज कुमार, कमलदीप, कुलदीप सिंह आदि ने बताया कि विगत 35 वर्षों से मंदिर में माता तुलसी का विवाह हर वर्ष भगवान शालिग्राम से किया गया। मान्यता यह है कि तुलसी पूजा व आरती करने से पति पत्नी में प्रेम बढ़ता है व अविवाहित व्यक्ति के विवाह होने के योग बनने लगता है। इस अवसर पर संजीव कुमार, पवन जुनेजा आदि उपस्थित थे।