अस्पताल से सीएमओ का लैपटाप चोरी
बरनाला सिविल अस्पताल बरनाला में 21 अक्टूबर को सीएमओ के दफ्तर से लैपटाप चोरी।
संवाद सहयोगी, बरनाला : सिविल अस्पताल बरनाला में 21 अक्टूबर को सीएमओ के दफ्तर में से अज्ञात चोर लैपटाप चोरी करके ले गए, जिसकी जांच के बाद 27 अक्टूबर को चोरी के मामले में अज्ञात पर केस दर्ज किया गया। उक्त केस में सीएमओ डॉक्टर जुगल किशोर ने बयान दर्ज करवाया कि उसका लैपटाप कोई अज्ञात चोरी करके ले गया है, लेकिन पहले उन्होंने अपने स्तर पर इसकी जांच की थी, तो पता चला की लैपटाप घूम नहीं चोरी हुआ है।
एक ही माह में दिन व रात में एक मोबाइल, 50 हजार की नकदी व लैपटाप चोरी की घटनाओं से सहमे मरीज 25 सितंबर की रात इलाज के लिए आए मरीजों का मोबाइल व कार में से नकदी चोरी हो गई थी। उक्त घटना में एडवोकेट आशुतोष गर्ग निवासी शहीद भगत सिंह नगर गली नंबर दो अपने पिता का इलाज करवा रहे थे तो स्पेशल कमरा नंबर दो में रात को उनका 15000 का मोबाइल फोन चार्जिंग पर लगा था, जिसे अज्ञात चोरी करके ले गया। उन्होंने कहा कि इस तरह स्पेशल कमरा से चोरी व सिविल अस्पताल में चोरी की घटना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है। इसी प्रकार अजमेर पुलिस में तैनात सुखविदर सिंह निवासी उगोके उसी रात 25 अक्टूबर को डेंगू से पीड़ित अपने बेटे जोबनप्रीत का इलाज करवाने के लिए डीएमसी जा रहे थे, तो हालत बिगड़ने के कारण सिविल अस्पताल बरनाला की इमरजेंसी में ले आए, जहां उनकी पत्नी कार में सवार थी व वह जूस लेने के लिए चले। इलाज दौरान उनकी पत्नि को डॉक्टर ने बुलाने पर वह कार का दरवाजा लगा चली गई, लेकिन इस दौरान उनकी कार में रखी 50 हजार की नकदी को अज्ञात चोरी करके ले गया। उन्होने कहा कि इस तरह एक ही रात में दो चोरी की घटनाएं सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है। मौका ए मुआयना
दैनिक जागरण द्वारा चोरी की घटना के बाद सुरक्षा के मद्देनजर सिविल अस्पताल में दिन व रात को जांच दौरान 14 सुरक्षा कर्मचारियों की तैनाती का दावा झूठा साबित हुआ। सिविल अस्पताल के ओपीडी ब्लाक में रात को सन्नाटा व अंधेरा छाया था। इमरजेंसी व स्पेशल वार्ड में रात को डॉक्टर व फार्मासिस्ट ड्यूटी पर तैनात थे। लेकिन कोई मरीज नहीं होने के कारण वह अपने अपने कमरों में सोए हुए पाए गए। ऐसे हालातों में सिविल अस्पताल के कर्मचारियों व डॉक्टरों द्वारा कोई ड्रेस कोड नहीं होने के कारण यह पता ही नहीं चल पाता है कि कौन डॉक्टर है कौन अस्पताल प्रबंधन का स्टाफ है। इसके साथ मरीज को लेकर आया कोई परिजन बिना रोक-टोक के ऐसे ही घूमते रहते हैं। आगामी दिनों में सर्दी बढ़ने वाली है, ऐसे में मरीज करीब 8 बजे आना बंद हो जाते है व ठंड में सुरक्षा कर्मी भी सो जाते है। सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर ज्योति कौशल ने उक्त घटना का जिम्मा पुलिस प्रशासन पर डालते हुए कहा कि उनके द्वारा कई बार एसएसपी बरनाला को सुरक्षा के तहत पुलिस पिकेट बनाने की मांग की गई है, लेकिन उनकी मांग को ध्यानार्थ नहीं किया गया।
मामले की जांच करवाई जाएगी : डीसी
डीसी बरनाला तेज प्रताप सिंह फूलका ने कहा कि उनके द्वारा एसएसपी हरजीत सिंह से बात करके उक्त मामले की जांच करवाई जाएगी।