बीमार आर्थिकता को ई-रिक्शा से तंदुरुस्त कर रही है हरदीप
महिलाएं जहां हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे बढ़कर अपना अलग स्थान बनाकर देश का नाम रोशन रही है।
सोनू उप्पल, बरनाला : महिलाएं जहां हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे बढ़कर अपना अलग स्थान बनाकर देश का नाम रोशन रही है। वहीं समाज में अपने परिवार का पेट पालने के लिए छोटे बड़े काम की परवाह ना किए बिना पुरुषों की बराबरी कर रही हैं। यह शब्द महिला हरदीप कौर पर सटीक बैठते हैं। महिला सशक्तीकरण की उदाहरण बनी हरदीप कौर खूब चर्चा में है व एक महिला उनकी प्रेरणा से ई-रिक्शा सीख रही है। आज जहां कई महिलाएं घर में कमाने का साधन ना होने के कारण मजबूरन बच्चों को उच्च शिक्षा नहीं दिला पाती व परिवार का पालन पोषण अधूरा रह जाता है। वहीं इन सबसे हटकर हरदीप कौर पति के बीमार होने के बाद ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रही है। हरदीप कौर ने बताया कि तीन बेटियां है जिनके पालन पोषण में वह कोई कमी नहीं रहने देगी। पति दर्शन सिंह मजदूरी करता था। मधुमेह, पीलिया, स्किन की बीमारी होने के कारण वह काम करने से असमर्थ हो गया। पति की एक माह की तीन हजार की दवाई, तीन बेटियों की पढ़ाई, घर के खर्च के लिए जब घर में कोई साधन ना दिखाई दिया तो उसने कुछ दिन की ट्रेनिंग लेकर किस्तों पर ई-रिक्शा लेकर चलाना शुरू कर दिया। सबसे अधिक महिलाएं उनके साथ बैठना पसंद करती है। कभी कभार पुरुष भी यह देखकर हैरान हो जाते हैं व उसे इस काम के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हरदीप कौर ने बताया कि 250 से 300 की दिहाड़ी से घर का खर्च व पति का इलाज हो रहा है।
मेहनत करने में बिल्कुल भी न करें शर्म
हरदीप ने बताया कि उसकी पांच बहनें व एक भाई है। माता-पिता द्वारा दी शिक्षा व संस्कार से वह ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन-पोषण कर रही है। उसका सपना है कि वह बेटियों को बड़े पद पर तैनात हो व उन्हें इस तरह की तंगी का सामना ना करना पड़े, इसके लिए उनको शिक्षित कर रही है। उन्होंने अन्य महिलाओं को अपील करते हुए कहा कि मेहनत करने में शर्म नहीं करनी चाहिए।
दो दिन में पत्नी को चलाना सिखाया रिक्शा
हरदीप कौर के पति दर्शन सिंह ने बताया कि करीब एक वर्ष पहले बीमार हो गया था तो उसने दो दिन में पत्नी को ई-रिक्शा चलाना सिखाया। इससे पहले उसने साइकिल तक नहीं चलाया है। उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा में हरदीप को देख महिला सवारियां अधिक सफर करती हैं। दर्शन सिंह ने लोगों व शहर वासियों से गुहार लगाई कि उनकी मदद की जाए ताकि वह इलाज करवाकर बच्चों का पालन पोषण कर सकें।
घर की रिपेयर के लिए बेच दिया ई-रिक्शा
ई-रिक्शा चालक महिला हरदीप कौर ने बताया कि उसका मकान बारिश में गिरना शुरु हो गया था, जिसकी रिपेयर करवानी जरूरी थी, जिस कारण अपना ई-रिक्शा 45000 में बेचना पड़ा, क्योंकि 50000 रुपये की सख्त जरूरत थी। उसने बताया कि घर में तीन बेटियां होने के कारण वह एक हजार रुपये किराए पर शौचालय लेकर काम चला रही है व घर में शौचालय बनाने के लिए रुपये नहीं है। अब उसने एक लाख 60 हजार का ई-रिक्शा किश्तों में लिया है, परंतु उसकी किश्त चुका पाना मुश्किल हो रहा है।