इंसाफ मांगने वाले सिंहों को किया जा रहा शहीद : भाई समद
श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समदश्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों को गुरू साहिब आप ही सजा देगा-भाई समद
जागरण संवाददाता, बरनाला : श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की हुई बेअदबी के रोष के तौर पर शुरू की पश्चाताप पैदल यात्रा करने वाले भाई समद ¨सह का कस्बा धनौला पहुंचने पर श्री गुरु रामसर धनौला की समूह कमेटी ने प्रधान सुखराज ¨सह पंधेर के नेतृत्व में स्वागत किया गया। इस अवसर पर भाई गुरमिंदर ¨सह समद ने बताया कि यह गुरूद्वारा श्री दुख निवारण साहिब पटियाला से शुरू करके बरगाड़ी होते हुए गुरूद्वारा साहिब श्री मुक्तसर साहिब में संपन्न करना है। पश्चाताप पैदल यात्रा पर चले भाई गुरमिन्दर ¨सह समद ने बताया कि ¨हदू संतों, मुसलमान फकीरों व सिक्ख गुरुओं की वाणी के सुमेल, सर्व सांझा के प्रतीक की बेअदबियां की जाती है, आरोपित पकड़े नहीं गए, अ¨हसा का रास्ते पर चलकर इंसाफ मांगते सिंहों को शहीद कर दिया जाता है। पूरी दुनिया की धनाढ्य सिख कौम आपसी फूट के कारण हम अपने गुरू साहिब की बेअदबियां नहीं रोक सकें, गुरु साहिब जी की बेअदबी करने वालों को सजा गुरु साहिब आप ही देगा। भाई समद ने बताया कि यह पैदल यात्रा 3 दिसंबर से गुरुद्वारा दुख निवारण करने साहिब पटियाला से शुरू की हुई है व भवानीगढ़, संगरूर, बरनाला, भदौड़, भक्त भाई, बरगाड़ी, होता हुआ गुरुद्वारा श्री मुक्तसर साहिब में गुरू साहिब के चरणों में अरदास करके संपन्न करूंगा। इस अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी के सेक्रेटरी हरइंदर ¨सह, मलकीत ¨सह पगली, पूर्व प्रधान अमरजीत ¨सह गिल, बलवान ¨सह गिल, बहादर ¨सह, सतनाम ¨सह कानेके, गुरनाम ¨सह, जोरा ¨सह, गुरमीत ¨सह, जत्थेदार गुरमेल ¨सह कोठे अकालगढ़, गांधी ¨सह आदि उपस्थित थे।