ब्रह्मास्त्र के सम्मान में पेड़ से गिरे हनुमान जी
श्री बाला जी ट्रस्ट व राम बाग कमेटी ने शांति हाल रामबाग में सुंदर श्रीराम कथा करवाई। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। कथावाचक गोपाल मोहन भारद्वाज करनपुर राजस्थान वाले ने भरत मिलाप का गुणगान किया। कथा का वर्णन करते हुए कथावाचक ने बताया कि हनुमान जी के बारे में जितना लिखा या कहा जाए वह कम है।
संवाद सहयोगी, बरनाला : श्री बाला जी ट्रस्ट व राम बाग कमेटी ने शांति हाल रामबाग में सुंदर श्रीराम कथा करवाई। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए। कथावाचक गोपाल मोहन भारद्वाज करनपुर राजस्थान वाले ने भरत मिलाप का गुणगान किया। कथा का वर्णन करते हुए कथावाचक ने बताया कि हनुमान जी के बारे में जितना लिखा या कहा जाए, वह कम है। जब हनुमान जी ने श्रीराम के आदेश पर लंका में प्रवेश किया तो उन्हें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा, जैसे विशालकाय समुद्र को पार करते वक्त राक्षसी सुरसा के मुख में से होकर निकलना और फिर लंका के चारों ओर बने सोने के परकोटे को फांदना। लंकिनी नाम की एक राक्षसी को मारने के बाद रावण तक यह खबर पहुंच जाती है कि कोई वानर महल में प्रवेश कर गया है। इसके बाद महल में हनुमान जी विभीषण से मुलाकात करते हैं। इसके बाद अक्षय वाटिका में प्रवेश कर माता सीता को रामजी की अंगूठी देते हैं, फिर वे अशोक वाटिका का विध्वंस कर देते हैं। इस खबर के फैलने के बाद मेघनाद का पुत्र अक्षय कुमार उन्हें मारने के लिए आता है। लेकिन हनुमान जी उसका वध कर देते हैं। यह खबर लगते ही लंका में हाहाकार मच जाता है तब स्वयं मेघनाद हनुमान जी को पकड़ने आता है। जो कई तरह के अस्त्र-शस्त्र का प्रयोग करता है। अंत में मेघनाद ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करता है, तब हनुमान जी ने मन में विचार किया कि यदि ब्रह्मास्त्र का सम्मान नहीं किया तो उसकी अपार महिमा मिट जाएगी। जिस पर हनुमान जी वृक्ष से गिर पड़ते हैं। इस अवसर पर प्रधान ज्ञान चंद, दर्शन कुमार, विकास विक्की, बिमल कुमार, अमरजीत कालेके आदि उपस्थित थे।
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