किसानों के आगे जिला प्रशासन बेबस, पराली के धूएं से बचाव को लोगों ने मुंह पर पहना मास्क
सोनू उप्पल, संवाद सहयोगी, बरनाला : पराली जलाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं और किसानों को पराली नहीं जलाने की अपील की गई है, लेकिन किसानों द्वारा एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर खेतों में सरेआम पराली जलाई जा रही है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब हो कि किसानों पर कार्रवाई करने वाला जिला प्रशासन किसानों के रोष के आगे बेबस नजर आ रहा है व किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली के धुएं में अदृश्य हुआ बैठा है।
सोनू उप्पल, संवाद सहयोगी, बरनाला : पराली जलाने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं और किसानों को पराली नहीं जलाने की अपील की गई है, लेकिन किसानों द्वारा एनजीटी के आदेशों की धज्जियां उड़ाकर खेतों में सरेआम पराली जलाई जा रही है, जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब हो कि किसानों पर कार्रवाई करने वाला जिला प्रशासन किसानों के रोष के आगे बेबस नजर आ रहा है व किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली के धुएं में अदृश्य हुआ बैठा है। विगत माह से जलाई जा रही पराली के कारण प्रदूषण का स्तर प्रतिदिन बढ़ रहा है व दमा, सांस व फेफड़ों की समस्या से पीड़ित मरीजों को दर्द दे रह है। पराली के धुएं के कारण हाईवे से लेकर मेन रोड़ पर प्रतिदिन लोग सड़क हादसों का शिकार होकर घायल व मौत का शिकार हो रहे है। पराली के फैले धूएं से हुए प्रदूषण के कारण लोगों को खांसी, जुकाम, आंखों में जलन, गले की समस्या जैसी बीमारी से लोग पीड़ित होने लगे हैं। रविवार को विजिबिलीटी 100 मीटर दिखाई दी, जबकि प्रदूषण का स्तर 100 था।
जिला बरनाला में सरकारी से निजी अस्पतालों में इस समस्या के कारण दवा लेने वालों की भीड़ उमड़ी पड़ी है व प्रतिदिन 500 के करीब मरीज दवा लेने आते हैं। किसानों की ओर से जलाई जा रही पराली को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है और किसानों की तरफ से गठित टीमों के घेराव से डरा व सहमा प्रशासन किसानों के आगे बेबस नजर आ रहा है। विगत 15 दिन पहले प्रशासन की तरफ से मात्र 50 के करीब चालान काट खानापूर्ति कर दी गई।
लोग हुई सतर्क, मेडिकल स्टोर पर मास्क की सेल बढ़ी
किसानों की तरफ से जलाई जा रही पराली के धूएं से फैले वायु प्रदूषण से लोग बचाव के लिए मेडिकल स्टोर से मुंह पर पहनने वाला मास्क खरीद रहे है व किसी ना किसी तरह धूएं से अपना बचाव करके स्वास्थ्य को संभाल रहे हैं। मेडिकल स्टोर के मालिक भारत मोदी व अरुण मोदी ने बताया कि जो मास्क कभी किसी के ध्यान में नहीं था व जिसको कभी कोई आदमी पूछता तक नहीं था, अब लोग उसका मूल्य जानने लगे है। शहर में फैले धूएं के कारण लोग शुद्ध सांस लेने के लिए मुंह पर मास्क पहन रहे है व प्रतिदिन 20 से 30 मास्क बिक रहे है।
शहर में पराली के धूएं से करें अपना बचाव : एसएमओ
सिविल अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर जसवीर ¨सह औलख ने कहा कि किसानों की तरफ से जलाई जा रही पराली के कारण हवा प्रदूषित हो गई है व शहर में फैले इस प्रदूषण से अपना बचाव रखें। उन्होंने शहर निवासियों को अपील करते कहा कि सभी लोग बाहर निकलने से पहले अपने मुंह पर मास्क व आंखों पर चश्मा लगा कर चलें, ताकि आपकी सेहत ना खराब हो। पराली के धूएं से आपकी आंखों में जलन, खांसी, जुकाम, बुखार, गले की बीमारी हो सकती है।
एक ही मास्क को दोबारा इस्तेमाल न करें : एमडी
सिविल अस्पताल के एमडी मेडिसन डॉक्टर मनप्रीत ¨सह सिद्धू ने कहा कि दमा, सांस, हार्ट, फेफड़ों से लेकर खांसी जुखाम की एलर्जी से पीड़ित अन्य मरीज मुंह पर मास्क पहन करके रखे, इससे आपको प्रदूषण से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव से बचाव रहेगा। उन्होने कहा कि इन बीमारियों से पीड़ित मास्क को एक बार पहन फिर से इस्तेमाल नहीं करें व नहीं ही किसी को करने दें।