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किसान की बेटी सहायक कमिश्नर बठिंडा ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल किया 246वा रैंक

यूपीएससी परीक्षा 2019 का परिणाम मंगलवार दोपहर घोषित हुआ।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Aug 2020 10:36 PM (IST)Updated: Tue, 04 Aug 2020 10:36 PM (IST)
किसान की बेटी सहायक कमिश्नर बठिंडा ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल किया 246वा रैंक
किसान की बेटी सहायक कमिश्नर बठिंडा ने यूपीएससी परीक्षा में हासिल किया 246वा रैंक

सोनू उप्पल, कुलदीप अग्रवाल, बरनाला : यूपीएससी परीक्षा 2019 का परिणाम मंगलवार दोपहर घोषित हुआ। इस परिणाम में जिले के ब्लाक शैहणा निवासी पीसीएस मनिंदरजीत कौर पुत्री किसान जरनैल सिंह व माता एएनएम बेअंत कौर जोकि आज कल सहायक कमिश्नर बठिंडा में अपनी सेवाएं दे रहीं है। यूपीएससी परीक्षा में पंजाब में 246वा रैंक हासिल किया है। बेटी अफसर बने सपना था: पिता जरनैल

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किसान पिता जरनैल सिंह ने कहा कि उनका एक बेटा 22 वर्षीय व एक बेटी 26 वर्षीय मनिंदरजीत कौर है। बचपन से ही उनकी बेटी पढ़ने लिखने में होशियार थी व एक अच्छी अफसर बनना ताहती थी। उनका सपना था कि उनकी बेटी एक अफसर बन करके उनका नाम रोशन करें व आज वहीं दिन है। मनिंदरजीत कौर की सफलता से आज उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया है व सरदार की पगड़ी का मान बढ़ाया है। शिक्षा में कोई परेशानी नहीं आने दी: माता बेअंत कौर

मनिंदरजीत कौर की माता एएनएम बेअंत कौर ने कहा कि वह करीब 28 सालों से बतौर एएनएम जिला बरनाला में नौकरी कर रही है। उनकी तरफ से अपनी बेटी को सदा पढ़ाई में दिन लगाकर पढ़ने के लिए कहा। उनकी तरफ से अपनी बेटी को शिक्षा में कभी कोई परेशानी नहीं आने दी व इस दौरान उसको उच्च शिक्षा के लिए हर प्रकार की सुविधा प्रदान की है। 2017 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की: मनिंदरजीत कौर

सहायक कमिश्नर बठिंडा पीसीएस मनिंदरजीत कौर ने दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए बताया कि उसका जन्म 1994 में कस्बा शैहणा जिला बरनाला में किसान जरनैल सिंह व माता एएनएम बेअंत कौर के घर हुआ। उसने बाबा गाधा सिंह पब्लिक स्कूल भदौड़ में 10वीं व बारहवीं तक की शिक्षा हासिल की है। इसके साथ 2011 में 12वीं पास करके वह झारखंड धनबाद में बीटेक करने के लिए चली गई थी, जिसके बाद 2015 में बीटेक के बाद प्राइवेट सेक्टर मुंबई में नौकरी की है। 2016 तक नौकरी करने के बाद 2017 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की, परंतु सफल ना होने पर 2018 में फिर परीक्षा देने पर इंटव्यू पास नहीं होने पर संघर्ष जारी रखा व 2018 में पीसीएस परीक्षा पास करके पहली सफलता मिली। बताया कि वह जनवरी 2020 से बठिंडा में सिविल प्रशासन में सेवाएं दे रही है। अब आइआरएस के तौर पर जल्द सेवाएं देने का मौका मिलेगा।


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