एफसीआइ की लापरवाही से शैलर उद्योग डूबने की कगरार पर : तरलोचन बांसल
तपा बरनाला केंद्र व राज्य सरकार की हिदायत सहित शर्तों के आधार पर राइस मिलर्ज को धान की फसल स्टोर करने बाद डिपोओं में चावल डंप करने के आदेश दिए थे। जिनकी पालना करते हुए समूह शैलर मालिकों ने इन नियमों को इन्न बिन्न लागू करके विभिन्न डिपोओं में चावल भी स्टोर किए जा रहे हैं परन्तु एफसीआई विभाग द्वारा चावलों को अन्य प्रदेश के स्टोरों में भेजने संबंधी स्पेशल नहीं लगने की कमी कारण शैलर मालिक का बड़ी स्तर पर आर्थिक नुकसान हो रहा है।
संवाद सहयोगी, तपा, बरनाला : केंद्र व राज्य सरकार की हिदायत सहित शर्तों के आधार पर राइस मिलर्स को धान की फसल स्टोर करने के बाद डिपो में चावल डंप करने के आदेश दिए थे। जिनका पालन करते हुए समूह शैलर मालिकों ने इन नियमों को लागू करके विभिन्न डिपो में चावल भी स्टोर किए जा रहे हैं, परन्तु एफसीआइ द्वारा चावलों को अन्य प्रदेश के स्टोरों में भेजने संबंधी स्पेशल नहीं लगने के कारण शैलर मालिकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है।
उक्त बात जिला शैलर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष तरलोचन बांसल ने तपा के शुक्रगुजार राइस मिल में शैलर मालिकों के साथ बैठक करने के उपरांत कही। उन्होंने बताया कि तपा के एफसीआइ का शैलर ट्रेड की ओर ध्यान नहीं है व शैलर ट्रेड को डुबोने वाली रणनीतियां इस्तेमाल की जा रही हैं, जिससे राइस मिलर्स के कारोबार में विस्तार ना हो सके। इस अवसर पर जिला शैलर एसोसिएशन के नेताओं ने मांग की कि शैलर उद्योग को बचाएं व इसके उद्योगपतियों सहित सरकार को घाटे से दूर करने के लिए संबंधित विभाग बड़ी स्तर पर स्पेशल लगाने का प्रबंध करे। जिससे इस ट्रेड का काम सरकार की हिदायतों के तहत पूरा हो सकें। इस अवसर पर शैलर उद्योगपति सुशील कुमार संता, अरविद कुमार, विकास गर्ग, मुनीश कुमार, पार्षद गुरमीत रोड, कुलदीप कुमार, नरेश कुमार, बिंदर कुमार, रमेश गोयल आदि अन्य बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
इस बारे में एफसीआइ के अधिकारी ने कहा कि जल्द काम खत्म करने की जल्दबाजी की जा रही है, परन्तु स्पेशल की कमी इसलिए आ रही है क्यों कि दूसरे प्रदेश में स्टोर भरे पड़े हैं, जब भी जरूरत होती है, स्पेशल लगाई जा रही हैं व इस गंभीर समस्या संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों के दफ्तर को सूचित किया जा रहा है।