Move to Jagran APP

कोरोना संक्रमण ने बदला ट्रेंड, बरनाला में श्राद्ध पूजन, पिंडदान व दक्षिणा सब ऑनलाइन

कोरोना संक्रमण ने पूजा पाठ का ट्रेंड भी बदल दिया है। अब जूम गूगल मीट या वाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये श्राद्ध पूजन हो रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sun, 13 Sep 2020 08:41 AM (IST)Updated: Sun, 13 Sep 2020 08:41 AM (IST)
कोरोना संक्रमण ने बदला ट्रेंड, बरनाला में श्राद्ध पूजन, पिंडदान व दक्षिणा सब ऑनलाइन
कोरोना संक्रमण ने बदला ट्रेंड, बरनाला में श्राद्ध पूजन, पिंडदान व दक्षिणा सब ऑनलाइन

बरनाला [हेमंत राजू]। श्राद्ध पक्ष में पिंडदान की परंपरा सदियों पुरानी है। कोरोना ने इस बार श्राद्ध में अड़चन डाली तो लोगों ने भी तकनीक का सहारा लेना शुरू कर दिया है। यजमान को घर बुलाने के बजाय अब ऑनलाइन पूजा पाठ व पिंडदान किए जा रहे हैं। बीस साल से दिल्ली में बसे लेक्चरर अशोक गोयल कोरोना के कारण पांच माह से बरनाला नहीं आ सके। इस परिस्थिति में उन्होंने श्री गणेश मंदिर बरनाला के पुजारी पंडित सुरेश कुमार बिल्वस से एक घंटा वीडियो कांफ्रेंस के जरिये श्राद्ध पूजन सभी विधि-विधान पूरे किए। ब्रह्मभोज और दक्षिणा के पैसे भी ऑनलाइन ट्रांसफर किए।

loksabha election banner

पंडित सुरेश कुमार ने बताया कि अब तक वे पांच यजमान के पिंडदान ऑनलाइन करवा चुके हैं। कोई कोरोना के कारण बाहर फंसा था तो कोई संक्रमण का शिकार था। बरनाला के दूसरे पंडितों के पास भी ऑनलाइन पिंडदान व श्राद्ध पूजन की डिमांड पहुंच रही है। वे फोन पर सारी सामग्री व विधि पहले समझा देते हैंं, उसके बाद जूम, गूगल मीट या वाट्सएप वीडियो कॉल के जरिये श्राद्ध पूजन को संपन्न करवाते हैं। ब्रहृमभोज भी पंडितों के जरिये ही करवाया जा रहा। ऑनलाइन पैसे मिलने के बाद पंडित शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए बह्मभोज भी करवा रहे हैं।

धार्मिक परंपरा पर विश्वास

लेक्चरर अशोक गोयल ने बताया कि उनकी माता निर्मल गोयल का निधन कोरोना काल में ही हुआ। पंजाब में बढ़ रहे कोरोना के केस व परिवार की सेहत को देखते हुए वे नहीं आ पाए। पिंडदान जरूरी था, इसलिए ऑनलाइन का रास्ता अपनाया। ऑनलाइन प्रक्रिया को धार्मिक मान्यता नहीं मिलने व कई जगह विरोध होने पर अशोक ने कहा कि श्रद्धा और अपने संस्कारों पर विश्वास हो तो कुछ गलत नहीं।

होशियारपुर के हरविंदर कुमार पंजाब पुलिस में है। उन्होंने बताया कि बरनाला में पैतृक निवास है। पिता सूरज भान का काफी समय पहले देहांत हो गया। पिछले साल माता विद्या रानी भी नहीं रही। पुलिस की सख्त ड्यूटी व छुट्टी नहीं मिलने के कारण वे नहीं आ सके। इसलिए श्राद्ध पूजन ऑनलाइन किया। वीडियो कॉल के जरिए पिंड भरे और पितरों को श्रद्धाजंलि दी।

गया, उज्जैन व प्रयागराज में भी बढ़ा ऑनलाइन का चलन

पुजारी सुरेश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन में पहले अस्थियां विसर्जन की परेशानी थी, तो अब श्राद्ध करने की। दूसरे राज्यों में बैठे लोग नहीं आ रहे। उनके पास कई यजमानों के फोन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गया, उज्जैन व प्रयागराज में घाट पर इस बार लोग ऑनलाइन ही पिंडदान व श्राद्ध पूजन कर रहे हैं। पंडित डॉ. सूरजकांत शास्त्री ने बताया कि पहले वे नदी के तट पर या घर जाकर पिंड भरवा रहे थे लेकिन अब वीडियो कॉल से ही करना पड़ रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.